इस साल फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में मारे गए लोगों के बारे में दिल्ली पुलिस ने पहली बार धर्म के आधार पर जानकारी दी है। दिल्ली पुलिस की तरफ से यह जानकारी एफिडेविट के जरिये दिल्ली हाईकोर्ट में दी गई।

13 जनवरी को हाईकोर्ट में दिए इस हलफनामे में बताया गया कि मरने वाले कुल 52 लोगों में 12 लोग हिंदू थे। वहीं शेष 40 लोग मुस्लिम समुदाय से थे। इन दंगों में दिल्ली पुलिस के एक कर्मी कॉन्स्टेबल रतन लाल की भी जान चली गई थी। रतनलाल की मौत गोली लगने से हुई थी। इस तरह दिल्ली दंगों में जान गंवाने वालों में दो तिहाई लोग मुस्लिम समुदाय के थे।

दिल्ली पुलिस ने अपने हलफनामे में हिंदुओं और मुस्लिमों के घरों और दुकानों को हुए नुकसान का अलग-अलग ब्यौरा भी दिया है। दंगों में जिन घरों और दुकानों को नुकसान पहुंचा है उनमें भी अधिकतर मुस्लिम समुदाय के लोगों से संबंधित हैं।

सबसे रोचक बात है कि दिल्ली पुलिस ने बताया है कि दंगों में 6 मंदिर और 13 मस्जिदों को नुकसान पहुंचा। जबकि पिछले महीने ही एक आरटीआई के जवाब में यह बताया गया था कि दंगों में 11 मस्जिद, मदरसों व दो मंदिरों के नुकसान की बात बताई गई थी। ऐसे में मंदिरों के नुकसान का आंकड़ा कैसे बढ़ गया इस बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं है।

इसके अलावा पुलिस ने एक अलग से सूची भी दी है। इस सूची में 473 लोगों के घायल होने की बात कही है। इन सभी लोगों के नाम और पिता का नाम भी दिया गया है। इन लोगों का धर्म तो नहीं बताया गया है।

लेकिन नाम से पता लगता है कि इनमें भी घायलों में 45 फीसदी हिंदू और 55 फीसदी मुस्लिम समुदाय के लोग हैं। सूची में 108 पुलिसकर्मियों के घायल होने का भी जिक्र है। पुलिस ने दंगों में 185 घरों के नुकसान की जानकारी अदालत में दी है।