दिल्ली में बाढ़ की स्तिथि के बीच दिल्ली सरकार और एलजी के बीच जुबानी जंग जारी है। अब एलजी हाउस के अधिकारियों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi chief minister Arvind Kejriwal) पर बड़ा आरोप लगाया है। एलजी हाउस के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली में बाढ़ नियंत्रण के लिए बनी शीर्ष समिति की बैठक पिछले दो वर्षों से नहीं हुई है। इस समिति का नेतृत्व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल करते हैं।
AAP सरकार का जवाब
वहीं इन आरोपों का जवाब देते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) के नेतृत्व वाली सरकार ने कहा कि वे सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण (I&FC) मंत्री सौरभ भारद्वाज और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री आतिशी के साथ संयुक्त रूप से बाढ़ और जल जमाव के मुद्दों की नियमित रूप से समीक्षा कर रहे हैं। इन बैठकों में सीएम भी मौजूद रहे हैं और स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
दिल्ली में बाढ़ से प्रभावित लगभग 25,000 लोगों के लिए राहत और पुनर्वास प्रयासों को मजबूत करने के लिए सीएम केजरीवाल ने रविवार को मंत्री आतिशी के साथ उत्तरी दिल्ली के मोरी गेट स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय में एक बाढ़ राहत शिविर का दौरा किया। दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी मयूर विहार में एक राहत शिविर का निरीक्षण किया। इस बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना ने भी आज दिल्ली के राजघाट इलाके में बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया।
LG ऑफिस की ओर से बड़ा दावा
दिल्ली में यमुना का 22 किलोमीटर का हिस्सा छह जिलों से होकर गुजरता है, जिसके कुछ हिस्सों में नदी के कारण या जल स्तर में वृद्धि और नालों के बैकफ्लो के कारण बाढ़ आ जाती है। एलजी हाउस के एक अधिकारी ने कहा कि शीर्ष बाढ़ नियंत्रण समिति की अनिवार्य बैठक जून के अंत तक होनी चाहिए थी।
एक अधिकारी ने कहा कि समिति के अध्यक्ष के रूप में मुख्यमंत्री ने इस साल बैठक नहीं करने का फैसला किया, जबकि राजस्व विभाग ने 19 जून को इसकी फाइल आगे बढ़ा दी थी। पिछले साल भी बैठक नहीं हुई थी। इस साल जारी किया गया बाढ़ नियंत्रण आदेश शीर्ष समिति की बैठक और तैयारियों के बना था।