तटरक्षक आज उस समय विवादों में घिर गया जब एक अधिकारी ने कथित तौर पर दावा किया कि उसने पाकिस्तानी नौका को उड़ाने का आदेश दिया था।

अधिकारी का दावा रक्षा मंत्रालय के पूर्व के इस कथन के बिल्कुल उलट है कि नौका के चालक दल, संदिग्ध आतंकवादी थे और उन्होंने ही नौका में आग लगा दी थी। तटरक्षक महानिदेशक बी.के. लोशाली को एक समाचार पत्र में यह कहते हुए उद्धत किया गया है कि वह सुरक्षा एजेंसी ही थी जिसने पाकिस्तानी नौका को उड़ाया था और इसके लिए आदेश उन्होंने दिया था।

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दैनिक समाचार पत्र ने सूरत में हुए घटनाक्रम के बारे में उन्हें यह कहते हुए उद्धत किया है- मैं आपको बताता हूं, उम्मीद है कि आपको 31 दिसंबर की रात याद होगी। हमने उस पाकिस्तानी नौका को को उड़ा दिया था, हमने उन्हें उड़ा दिया। मैं गांधीनगर में था और उस रात मैंने कहा था, नौका को उड़ा दो। हम उन्हें बिरयानी परोसना नहीं चाहते थे।     यह घटना अरब सागर में पोरबंदर से 365 किमी दूर हुई थी।

बहरहाल, तटरक्षक ने तत्काल बचाव का रुख अपनाया और लोशाली ने ऐसी कोई भी टिप्पणी करने से इंकार करते हुए कहा कि खबर तथ्यपरक नहीं है और वह अभियान से किसी भी तौर पर संबद्ध ही नहीं थे।

उन्होंने कहा जो कुछ हुआ, उसकी मुझे जानकारी नहीं है। मेरी बातों को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया। मैंने कहा था कि राष्ट्रविरोधी किसी भी तत्व को हमारी तटीय सुरक्षा का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और हम उन्हें बिरयानी परोसने नहीं जा रहे हैं। लोशाली ने संवाददाताओं से कहा अभियान की प्रकृति गोपनीय थी और इसके ब्यौरे मेरे साथ साझा नहीं किए गए।

उन्होंने यह भी कहा कि इस अभियान के प्रभारी उनके बॉस, उत्तर पश्चिम क्षेत्र के महानिरीक्षक कुलदीप सिंह श्योरन थे। महानिरीक्षक के आर नौटियाल ने यहां कहा कि उन्हें लोशाली का एक बयान मिला है, जिन्होंने ऐसा कोई बयान देने से इंकार किया है। लोशाली ने दावा किया कि उन्होंने जो कहा वह यह था कि राष्ट्र विरोधी तत्वों को बिरयानी नहीं परोसी जाएगी और उनसे देश के कानून के मुताबिक निपटा जाएगा।