यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीते दिन विधानसभा में एक कार्यक्रम में कहा कि मैंने महसूस किया कि जनता से एक जनप्रतिनिधि का जितना अधिक जुड़ाव होगा, उतना ही विश्वास से अपने कार्यकाल में वो काम कर पाएगा। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधियों को नकारात्मकता से बचना चाहिए। जनता लोकतंत्र में जनार्दन की तरह होती है।
सीएम योगी ने कहा कि आज राजनेता अविश्वास के प्रतीक बन गए हैं। लेकिन सदन में आप लोगों द्वारा की गई स्वस्थ चर्चा-परिचर्चा आपको विश्वास का प्रतीक बनाएगी। इसके अलावा सीएम योगी ने विधायकों को सख्त नसीहत देते हुए ठेके-पट्टे, ट्रांसफर और पोस्टिंग से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि अगर ठेके-पट्टे में दखल देते हैं तो यह उन्हें पतन की तरफ ले जाता है।
योगी ने कहा, ‘सार्वजनिक जीवन में व्यक्ति के द्वारा अपनाया गया धैर्य, शालीनता, उसे आगे बढाने में मदद करता है। लेकिन उसका उतावलापन, और उसका ठेके- पटटे के प्रति प्रेम और हर एक मामले में दखल देने की आदत उसे हमेशा पतन की ओर लेकर जाता है।’ उन्होंने कहा कि जितने उद्दंडता करने वाले लोग थे वे सब आगे नहीं बढ़ पाये और लुढ़कते चले गये। ऐसे लोगों की जनता जनार्दन ने छुट्टी कर दी।
उन्होंने विधायकों को ठेके- पट्टे, तबादला- तैनाती से दूर रहने की नसीहत दी और कहा कि यह बदनामी का कारण बनता है। और यही जनता के मन में उनके प्रति अविश्वास पैदा करता है। यूपी में जातिवाद की राजनीति पर सवाल खड़े करते हुए सीएम योगी ने कहा कि अगर राज्य में जातिवाद की राजनीति होती तो सुरेश खन्ना (संसदीय कार्य व वित्त मंत्री) नौंवी बार कैसे विधायक बनते गये जबकि उनकी जाति के अधिक वोटर तो शाहजहांपुर में नहीं है।
योगी ने जोर देकर कहा कि ‘अगर हमारे भाव सकारात्मक हैं, प्रदेश- देश हित में हैं, जनता हित में हैं, लोक कल्याण हित में हैं तो जनता भी उसे उसी भाव में लेती हैं।’ इसके अलावा सीएम योगी ने विधानसभा अध्यक्ष से अपेक्षा की कि वे नये चुने सदस्यों को सदन में बोलने का मौका देंगे।