Delhi Mohalla Clinic: दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक पर रेखा सरकार की एक और सियासी स्ट्राइक चल सकती है। कहा जा रहा है कि मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर और स्टाफ के दूसरे सदस्यों की नौकरी तब तक है जब तक दिल्ली में आयुष्मान आरोग्य मंदिर पूरी तरह सक्रिय ना हो जाएं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने भी इस बारे में अहम बैठक की है, माना जा रहा है कि राजधानी में मोहल्ला क्लीनिक को पूरी तरह रीप्लेस कर दिया जाएगा।

अब रेखा सरकार की यह योजना सीधे-सीधे 500 डॉक्टर और 2000 स्टाफ पर असर डालती है, उनकी नौकरी खतरे में आती है। वैसे सरकार का तर्क है कि इन डॉक्टरों को पैनल से हटाया जरूर जाएगा, लेकिन पर्याप्त समय भी मिलेगा, अभी के लिए यह अवधि एक साल तक की हो सकती है। वैसे मीटिंग में नए डॉक्टरों को हायर करने की बात भी सामने आई है, नेशनल हेल्थ मिशन के जो भी नियम हैं, उन्हीं को ध्यान में रखकर दिल्ली में आयुष्मान आगोर्य मंदिर के लिए डॉक्टरों को नौकरी पर रखा जाएगा।

केजरीवाल के ड्रीम प्रोजेक्ट पर क्यों चलाई रेखा सरकार ने कैंची?

वैसे सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि डॉक्टरों को नौकरी देने में पूरी तरह पारदर्शिता रखी जाएगी, मोहल्ला क्लीनिक का कोई डॉक्टर भी अप्लाई कर सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि इस साल 31 मार्च को मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर्स और स्टाफ सदस्यों का कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हो गया था। उसके बाद से ही कयास लग रहे थे कि रेखा सरकार कोई बड़ा कदम उठाने वाली है।

वैसे इससे पहले दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने ऐलान कर दिया था कि राजधानी में 250 मोहल्ला क्लीनिक को तत्काल प्रभाव से बंद करवाया जाएगा। उनका तर्क था कि यह सारे मोहल्ला क्लीनिक सिर्फ कागजों पर हैं और उन्हें किराए की जमीन पर खोलने की तैयारी थी। पंकज सिंह के मुताबिक अभी तक इस रेंट के पैसों का गलत इस्तेमाल हो रहा था, ऐसे में इसे तुरंत बंद किया जाएगा। उनकी तरफ से केजरीवाल के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को फ्रॉड का सबसे बड़ा अड्डा तक बता दिया गया था।

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