दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने गुरुवार को विपक्षी आम आदमी पार्टी (AAP) और उसके प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने कोविड पीड़ितों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की तुलना में विज्ञापन और प्रचार को प्राथमिकता दी है।
रेखा गुप्ता का विधानसभा में बड़ा दावा
रेखा गुप्ता ने कहा कि पूर्व की आप सरकार ने कोविड योद्धाओं के केवल 97 परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी, लेकिन 17 करोड़ रुपये प्रचार पर खर्च कर दिए। वह बजट पर चल रही चर्चा के दौरान विधानसभा में बोल रही थीं। उन्होंने पूछा, “कोविड के दौरान इन लोगों ने (जिन्होंने अपने प्रचार पर करोड़ों रुपये खर्च करने के अलावा कोई काम नहीं किया) केवल 97 परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की और इसके विज्ञापन पर 17 करोड़ रुपये खर्च किए। क्या दिल्ली में कोविड काल के दौरान केवल 97 लोग ही मरे?”
शॉपिंग फेस्टिवल का भी हुआ जमकर प्रचार
रेखा गुप्ता ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली में शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित करने की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना कभी शुरू नहीं हुई, लेकिन 8 करोड़ रुपये खर्च किए गए। उन्होंने कहा, “मैंने पूछा कि यह उत्सव क्या है, यह कहां आयोजित किया गया था। क्या इसमें भाग लेने के लिए पूरे शहर से लोग आए थे। तब मुझे पता चला कि यह आयोजित नहीं किया गया था।”
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इसके अलावा सीएम रेखा ने AAP पर जनता के लिए बनाई गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में धन का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया और कहा, “आपने न केवल सरकार से बल्कि लोगों से भी चोरी की। आपने बच्चों का पूरा भविष्य चुरा लिया। वे लगातार बजट में खामियां साबित करने की कोशिश कर रहे हैं और पूछ रहे हैं कि पैसा कहां से आएगा? मैं आतिशी जी से कहना चाहती हूं कि हम सभी लीकेज को रोकेंगे और आपके कार्यकाल के दौरान की गई सभी चोरी को रोकेंगे। लोगों ने आपको विपक्ष में बैठने का मौका दिया, उनकी ज्यादा आलोचना न करें, आपको अगली बार यह मौका नहीं मिलेगा।”
आतिशी ने बजट पर साधा निशाना
इस बीच आतिशी ने बजट की आलोचना करते हुए इसे खोखला अनुमान कहा और कहा कि इस साल के लिए दिल्ली आर्थिक सर्वेक्षण पेश नहीं किया गया। भाजपा के एक लाख करोड़ रुपये के बजट को भ्रम बताते हुए उन्होंने कहा, “दिल्ली के इतिहास में पहली बार भाजपा सरकार 13,702 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड-उच्च राजकोषीय घाटा बनाने जा रही है। वास्तविक बजट 78,000 करोड़ रुपये है, न कि एक लाख करोड़ रुपये, क्योंकि सरकार बचत योजना के तहत लोन नहीं ले पाएगी या केंद्र से अपेक्षित धन प्राप्त नहीं कर पाएगी।”