जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला की सरकार ने अपने एजेंडे पर काम करना शुरू कर दिया है। बुधवार को उन्होंने एक बड़ा फैसला लेते हुए शैक्षणिक कैलेंडर को मार्च सत्र से बदलकर नवंबर सत्र कर दिया, जबकि एलजी प्रशासन ने मार्च सत्र ही तय किया था। उमर अब्दुल्ला ने स्कूल शिक्षा मंत्री सकीना मसूद की उपस्थिति में इस फैसले की घोषणा की। अब एलजी के फैसले को बदले जाने को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है। यह जानकारी शिक्षा मंत्री सकीना मसूद ने सोशल मीडिया साइट्स पर साझा की है।
मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक वीडियो संदेश में कहा, “माता-पिता और छात्रों की ओर से कश्मीर और जम्मू संभाग के शीतकालीन क्षेत्र में मार्च सत्र के बजाय नवंबर सत्र में शैक्षणिक कैलेंडर वापस करने की मांग की गई थी। मैं इस प्रस्ताव को कैबिनेट में लाने के लिए स्कूल शिक्षा मंत्री सकीना इटू का शुक्रिया अदा करता हूं, जिसने इसे मंजूरी दे दी है।”
अब्दुल्ला ने कहा कि इस वर्ष से कक्षा 1 से 9 तक की कक्षाओं के लिए नवम्बर माह की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी, जबकि कक्षा 10 से 12 तक की कक्षाओं के लिए अगले वर्ष से परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी।
एलजी का फैसला बदला
एलजी प्रशासन ने शैक्षणिक कैलेंडर को देश के बाकी हिस्सों के साथ तालमेल में लाने के लिए 2022 में जम्मू के घाटी और शीतकालीन क्षेत्रों में मार्च परीक्षा कार्यक्रम लागू किया था।
हालांकि, अभिभावकों और छात्रों के एक वर्ग की लगातार मांग के कारण, अब्दुल्ला सरकार ने घोषणा की है कि वार्षिक परीक्षा अब हर साल नवंबर में फिर से आयोजित की जाएगी। शिक्षा मंत्री सकीना मसूद ने एक्स पर लिखा,”हम कश्मीर प्रांत और जम्मू प्रांत के शीतकालीन क्षेत्रों के लिए गैर-बोर्ड कक्षाओं यानी कक्षा 9 तक के लिए इस वर्ष से शैक्षणिक सत्र को नवंबर-दिसंबर में वापस लाने की घोषणा कर रहे हैं। उच्च कक्षाओं के लिए, सत्र अगले वर्ष से बहाल किया जाएगा। मैं माननीय मुख्यमंत्री सीएम साहब को छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से संबंधित मामले पर त्वरित निर्णय लेने के लिए धन्यवाद देती हूं।”