सरकार गठन को लेकर पर्याप्त संख्याबल न होने की वजह से देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने राज्य भगत सिंह कोश्यारी के आवास पर जाकर उन्हें औपचारिक तौर पर इस्तीफा सौंपा। उन्होंने सरकार गठन के लिए वैकल्पिक इंतजाम होने तक उनसे ‘‘कार्यवाहक मुख्यमंत्री’’ बने रहने को कहा है।इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में शिवसेना पर जमकर हमला बोला। फडणवीस ने कहा कि उनकी कभी भी ढाई-ढाई साल के लिए सीएम पद को लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से बातचीत नहीं हुई। इसके साथ ही उन्होंने शिवसेना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के अपमान का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में पीएम मोदी और शाह का अपमान किया है। फड़णवीस ने कहा कि गतिरोध तोड़ने के लिये शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को फोन किया गया लेकिन ‘‘उद्धव जी ने मेरा फोन नहीं उठाया।’’ उन्होंने कहा कि बीजेपी से बात नहीं करने और विपक्षी कांग्रेस व राकांपा से बात करने की शिवसेना की ‘‘नीति’’ गलत थी। शिवसेना की ओछी बयानबाजी गलत है। हालांकि शिवसेना ने इन आरोपों का खंडन किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा है कि शिवसेना ने कभी भी पीएम और अमित शाह का अपमान नहीं किया है।

वहीं मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने देवेंद्र फणडवीस के आरोपों पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि हम जुबान देते हैं तो निभाते हैं। जुबान देने से पहले लाख बार सोचते हैं। फडणवीस ने आरोपों की लिस्ट गिनाई। हम जनता के लिए लड़ रहे थे। हमारा काम बीजेपी का जैसा नहीं। शिवसेना प्रमुख ने कहा कि चुनाव से पहले बीजेपी ने मीठी बातें की। हम डिप्टी सीएम पद के लिए तैयार नहीं। मैंने अपने पिता से वादा किया था कि एक दिन महाराष्ट्र मे शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा। देवेंद्र फडणवीस मुझपर झूठ बोलने का आरोप लगा रहे हैं।

मालूम हो कि महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के एक पखवाड़े बाद भी सरकार गठन पर कोई सहमति नहीं बनी है। बीजेपी और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री के पद को लेकर रस्साकशी के कारण उनके पास संयुक्त रूप से 161 विधायकों के साथ बहुमत से अधिक का आंकड़ा होने के बावजूद सरकार गठन पर गतिरोध बना हुआ है। महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय सदन में बहुमत का आंकड़ा 145 है। विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 105 सीट, शिवसेना ने 56, एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीट जीती हैं।