कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह बैठक बुलाई थी। इस बैठक में तृणमूल को छोड़ विपक्षी सभी दलों के नेता शामिल हुए। तृणमूल के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने खड़गे व अन्य नेताओं को खबर भिजवाई कि वे अस्वस्थ्य होने के कारण शामिल नहीं हो पा रहे।खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई इस बैठक में खड़गे के साथ लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक नेता टीआर बालू, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अन्य नेता शामिल हुए।
विपक्षी सदस्यों ने तवांग में झड़प का विषय बुधवार को दोनों सदनों में उठाया और चर्चा की मांग की, हालांकि आसन से चर्चा की अनुमति नहीं मिली। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने वाकआउट किया। सूत्रों के अनुसार यह फैसला किया गया कि विपक्ष की तरफ से इस संदर्भ में साझा बयान जारी किया जाएगा। विपक्षी पार्टियां आगे की रणनीति तय करने के लिए गुरुवार को संसद भवन में फिर से बैठक करेंगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लोकसभा को बताया था कि चीन के सैनिकों ने नौ दिसंबर को तवांग सेक्टर में यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति बदलने का एकतरफा प्रयास किया जिसका भारत के जवानों ने दृढ़ता से जवाब दिया और उन्हें लौटने के लिए मजबूर किया। रक्षा मंत्री ने यह भी सूचना दी कि इस झड़प में किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई है और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है। उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे को चीनी पक्ष के साथ कूटनीतिक स्तर पर भी उठाया गया है और उनसे इस तरह की कार्रवाई के लिए मना किया गया है।
भारतीय सेना ने सोमवार को बताया था कि भारतीय और चीनी सैनिकों की तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को झड़प हुई, जिसमें दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए। पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच 30 महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच पिछले शुक्रवार को इस संवेदनशील सेक्टर (तवांग) में एलएसी पर यांग्त्से के पास झड़प हुई।