Same Sex Marriages मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में एक अनोखा वाकया पेश आया। पांच जजों की बेंच इस मसले पर सुनवाई के लिए 9वें दिन बैठी ही थी कि एक अजीबोगरीब दरखास्त सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के सामने आई। एक वकील की मांग थी कि सीजेआई इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लें। चंद्रचूड़ ने इसे देखते ही कहा- एप्लीकेशन रिजेक्टेड। उसके बाद कोर्ट रूम में कुछ देर के लिए सन्नाटा छा गया।
दरअसल एक एडवोकेट एनसन थॉमस ने ये याचिका सीजेआई की अगुवाई वाली पांच जजों की बेंच के सामने लगाई थी। Same Sex Marriages मामले की सुनावाई में सीजेआई के अलावा जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस रविंदर भट्ट शामिल हैं। वकील की याचिका को देखकर बाकी के जज भी सकते में आ गए। एडवोकेट थॉमस इस मामले में एक मध्यस्थ की तरह पेश हुए थे।
एसजी मेहता बोले- वकील की मानसिक स्थिति को बयां कर रही है याचिका
जिस दौरान ये वाकया पेश आया, कोर्ट रूम में सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता भी मौजूद थे। वो भी याचिका को देखकर गुस्से से बिफर गए। वकील ने जैसे ही अपनी बात पूरी की, मेहता बोले- वो इसे सिरे से खारिज करने की मांग करते हैं। उनका कहना था कि ये याचिका वकील की बदहाल मानसिक स्थिति को बयां करती है। सीजेआई को केस की सुनवाई के हटाने की मांग करके उन्होंने दिखा दिया कि वो किस स्तर तक गिर सकते हैं।
18 अप्रैल को शुरू हुई थी सुनवाई, आज 9वां दिन था
Same Sex Marriages मामले की सुनवाई संवैधानिक बेंच कर रही है। ये सुनवाई 18 अप्रैल को शुरू हुई थी। आज सुनवाई का 9वां दिन था। इस मामले में कई याचिकाएं दायर करके सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि एक शख्स को अपनी पसंद के मुताबिक विवाह करने का अधिकार होना चाहिए। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि इस तरह की याचिकाओं को खारिज किया जाए।
सरकार का कहना है कि एक शख्स किसी दूसरे शख्स से लिन इन में रिलेशन बना सकता है लेकिन हमारे समाज में परिवार सर्वोपरि है। एक पुरुष की एक महिला से शादी के बाद ही संतान का जन्म होता है।