सीजेआई रंजन गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री की कार्यशैली पर नाराजगी जाहिर की है। गोगई ने गुरुवार को कहा कि रजिस्ट्र में मूलभूत तौर पर कुछ न कुछ गलत है। कई प्रयास करने के बाद भी मुझे सफलता हासिल नहीं हो रही है। उन्होंने हाईकोर्ट्स और सुप्रीम कोर्ट के केसों की लिस्टिंग की तुलना पर यह बात कही।
एक मामले की लिस्टिंग से पहले उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट्स में रोजाना 6000 केस आते हैं, अगले दिन लिस्टिंग होती है। वहीं हाईकोर्ट्स की तुलना में सुप्रीम कोर्ट में रोजाना 1000 केस आते हैं लेकिन फिर भी ज्यादा समय क्यों लगता है। मैंने पिछली बार कहा था कि मामलों को हटाया नहीं जाएगा लेकिन फिर मामलों को हटाया जा रहा है।’
मालूम हो कि इससे पहले सीजेआई ने खुली अदालत में रजिस्ट्री को फटकार लगाई थी। मुख्य न्यायाधीश तब उत्तेजित हो गए, जब एक महिला वकील ने बताया कि उसका मामला सूची से हटा दिया गया। जबकि, यह जानकारी होते हुए भी कि उसने पिछले सप्ताह इस मामले का जिक्र किया था और उसे आश्वासन दिया गया था कि मामला हटाया नहीं जाएगा।
इस हरकत पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए चीफ जस्टिस ने कहा था कि, ‘आपके लोग क्या कर रहे हैं? आपका स्टाफ क्या कर रहा है? इन्होंने पिछले सप्ताह भी इस बात का जिक्र किया था। मामले क्यों हटाए जा रहे हैं? दो घंटे के बाद आप अलग-अलग बहाने लेकर आएंगे और कहेंगे ‘यह हुआ, वह हुआ’।’ सीजेआई ने आदेश दिया कि मामले को न हटाया जाए। इसी साल मई में उन्होंने रजिस्ट्री पर अदालत के पिछले आदेश के विपरीत मामला दर्ज करने पर खिंचाई भी की थी।’
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री वह कार्यालय होता है जो सभी दस्तावेजों को स्वीकार करता है और उन पर कार्यवाही आगे बढ़ाता है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट केस की तारीखों में हेराफेरी और भ्रष्टाचार रोकने के लिए सीबीआई अफसर की नियुक्ति का फैसला लिया गया है।

