देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई अपने सख्त स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। इसकी बानगी एक बार फिर से उस समय देखने को मिली, जब कोर्ट की सुनवाई के दौरान एक महिला आईएएस अधिकारी ने हाथ उठाकर अपनी बात रखने की इजाजत मांगी। महिला आईएएस अधिकारी की इस हरकत पर सीजेआई नाराज हो गए और उन्होंने फटकार लगायी। दरअसल मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई मुकदमे की सुनवाई के दौरान पहले ही थोड़े नाराज थे। तभी विजिटर्स गैलरी में खड़ीं एक आईएएस अधिकारी ने, जो कि इस मामले से जुड़ी हुई हैं, अपना हाथ उठाकर मामले में अपना पक्ष रखने की अनुमति मांगी। जिससे मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और भी ज्यादा नाराज हो गए।

सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि “ये कौन व्यक्ति है, जो पीछे से अपना हाथ उठा रहा है?” इस पर उन्हें बताया गया कि वो एक आईएएस अधिकारी हैं। इस पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने हैरानी जतायी कि उन्हें अदालत के नियम नहीं पता हैं? इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश ने चेतावनी देते हुए कहा कि “कोर्ट की सुनवाई को बाधित करने के लिए वह उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला चलाएंगे।” फिलहाल कोर्ट की सुनवाई 10 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई।

बीते दिनों सीबीआई से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान भी चीफ जस्टिस रंजन गोगोई काफी नाराज हो गए थे और उन्होंने मामले पर सुनवाई करने से ही इंकार कर दिया था। दरअसल सीबीआई में हुए घूसकांड के बाद सरकार द्वारा छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

बीते नवंबर में आलोक वर्मा मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस इस बात से बेहद नाराज हो गए कि केस से जुड़ी गोपनीय जानकारियां मीडिया में लीक हो गईं थी। इस पर चीफ जस्टिस ने आलोक वर्मा के वकील के सामने इस बात को लेकर नाराजगी जतायी थी और कहा था कि ‘हमें नहीं लगता कि तुम में से कोई भी सुनवाई के लायक है।’ इसके बाद चीफ जस्टिस ने मामले की सुनवाई अगली सुनवाई तक के लिए स्थगित कर दी थी।