अदालतों में बड़ी संख्या में पेंडिंग केस और जजों की कमी को देखते हुए शनिवार को CJI एनवी रमना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कलीजियम मई के महीने से लेकर अब तक सरकार को कुल 115 नामों की सिफारिश भेज चुका है, जिसमें से केवल 8 को मंजूरी दी गई है। CJI ने कहा कि सरकार को 106 जजों और 9 चीफ जस्टिस के पदों के लिए नाम भेजे गए थे। इसमें से सात जज और एक चीफ जस्टिस के नाम पर ही मोहर लगाई गई है।
नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी (NALSA) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में संबोधन के दौरान CJI ने यह बात कही। दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू भी मौजूद थे। सीजेआई ने कहा, मुझे उम्मीद है कि सरकार बाकी नामों को भी जल्द ही मंजूरी दे देगी।
उन्होंने कहा, मंत्री रिजिजू ने जानकारी दी है कि बहुत की कम समय में मामले का हल निकाला जाएगा। जस्टिस एनवी रमना ने कहा, ‘इन नियुक्तियों के बाद पेंडिंग केसों को निपटाने में मदद मिलेगी। मैं लोकतंत्र को मजूबत करने और न्याय व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में सरकार का साथ चाहता हूं।’
20 मई को कलीजियम ने जस्टिस संजय यादव को पदोन्नत करके इलाहाबाद हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश की थी। सरकार ने नियुक्ति को मंजूरी भी दे दी थी और 13 जून को जस्टिस यादव ने शपथ भी ले ली। लेकिन कुछ दिनों में ही 25 जून को वह रिटायर हो गए। इसके बाद 16 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के कलीजियम ने आठ हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस की नियुक्ति के लिए नामों की सिफारिश की। इनपर अभी सरकार की मंजूरी नहीं मिली है।
न्याय विभाग के मुताबिक हाई कोर्ट में 1 मई तक 420 रिक्तियां थीं जो कि 1 अक्टूबर को बढ़कर 471 हो गई हैं।
राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी को याद किया
इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आजादी के बाद देश ने बहुत प्रगति की लेकिन अभी लक्ष्य को हासिल करने के लिए बहुत सारे प्रयास करने हैं। उन्होंने महात्मा गांधी को भी याद करते हुए कहा कि न्याय व्यवस्था में कार्य करने वाले लोगों को उनके उसूल पता होने चाहिए।