Himanta Biswa Sarma: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के मियां मुस्लिम संबंधी बयान की जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने निंदा की है। इतना ही नहीं उन्होंने मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ से मामले का संज्ञान लेकर कार्रवाई करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि यह संवैधानिक सिद्धांतों के साथ खुला विश्वासघात है। उन्होंने सीएम सरमा की टिप्पणी को मतभेद पैदा करने वाला बताया।
मीयत उलेमा-ए-हिंद की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने सीजेआई, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा है। इसमें असम के सीएम के द्वारा की गई टिप्पणियों का भी जिक्र है और उनसे तुरंत कार्रवाई की मांग की है। जमीयत चीफ ने सरमा के हाल ही में की गई मुस्लिम विरोधी टिप्पणियों पर गंभीर चिंता जाहिर की है।
चीफ जस्टिस से संज्ञान लेने का आग्रह
मदनी ने जोर देकर कहा कि ये बयान ना केवल गलत है बल्कि संविधान के सिद्धांत के साथ घोर विश्वासघात भी है। उन्होंने चीफ जस्टिस से इन टिप्पणियों पर रोक लगाने के लिए संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने का भी आग्रह किया। जमीयत के बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री सरमा इन जिम्मेदारियों की अनदेखी कर रहे हैं। हाल ही में विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री ने बेशर्मी से घोषणा की थी कि मैं एक पक्ष लूंगा, यह मेरी विचारधारा है और आगे कहा कि मैं मिया मुसलमानों को असम पर कब्जा नहीं करने दूंगा।
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सामाजिक अशांति बढ़ने की संभावना- जमीयत ने किया दावा
जमीयत ने यह भी दावा किया कि सरमा का यह बयान ऐसे टाइम पर आया है जब ऊपरी असम में उपद्रवियों के 30 से ज्यादा ग्रुप ने बंगाली मुसलमानों को क्षेत्र खाली करने के लिए धमकी दी है। उन्होंने वार्निंग दी कि सरमा के बयानों से सामाजिक अशांति बढ़ने की संभावना ज्यादा है। बयान में कहा गया कि इसके अलावा मदनी ने कहा कि भाषाई और धार्मिक अल्पसंख्यकों को मियां बुलाकर सीएम ने उन्हें दूसरे दर्जे के नागरिक का दर्जा देने की कोशिश की है।
असम के सीएम ने क्या कहा था
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को कहा कि वह पक्षपात करेंगे और मियां मुसलमानों को राज्य पर कब्जा नहीं करने देंगे। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हिमंत बिस्वा सरमा नागांव में 14 साल की लड़की के साथ रेप के बारे में राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करने के लिए विपक्षी पार्टियों के जरिये लाए गए स्थगन प्रस्तावों पर विधानसभा में बोल रहे थे। इसी दौरान उन्होंने यह बातें कही थीं।