अपने रिटायरमेंट से कुछ दिन पहले CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने बड़ा फैसला लिया है। अपनी सेवानिवृत्ति से पहले भारत के मुख्य न्यायाधीश ने सुप्रीम कोर्ट में ग्रीष्मकालीन अवकाश समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब केवल आंशिक न्यायालय कार्य दिवस (Partial Court Working Days) ​​होंगे।

यह नया नियम तत्काल प्रभाव से लागू होगा। साल 2025 के ज्यूडीशियल कैलेंडर में समर ब्रेक को ‘आंशिक कार्य दिवस’ के रूप में नामित किया गया है। संशोधित नियमों के अनुसार, आंशिक कार्य दिवस 26 मई, 2025 से शुरू होंगे और पूर्ण कार्य दिवस 14 जुलाई, 2025 से शुरू होंगे।

सुप्रीम कोर्ट इन दो सत्रों के लिए बैठेगा – पहला सत्र आंशिक कार्य दिवसों के साथ शुरू होगा, जो विंटर ब्रेक से ठीक पहले वाले दिन खत्म होगा। दूसरा सत्र शीतकालीन अवकाश के अंत से शुरू होगा। इस बीच, आंशिक कार्य दिवसों की अवधि सीजेआई द्वारा तय की जाएगी, जो इस अवधि के दौरान मामलों की सुनवाई के लिए एक या एक से अधिक जजों की नियुक्ति भी करेंगे। ये जज एंट्रेन्स से संबंधित सभी मामलों, नोटिस मामलों, नियमित मामलों या अर्जेंट मामलों पर विचार करेंगे।

10 नवंबर को रिटायर होंगे CJI डीवाई चंद्रचूड़

गौरतलब है कि सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जिन्होंने 9 नवंबर, 2022 को पदभार ग्रहण किया था, 10 नवंबर को पदमुक्त होंगे। जस्टिस संजीव खन्ना जो वर्तमान में शीर्ष अदालत में सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं, भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे और 11 नवंबर को पदभार ग्रहण करेंगे।

‘सरकारी नौकरियों के लिए बीच में नहीं बदले जा सकते भर्ती नियम’, CJI चंद्रचूड़ की बेंच का अहम फैसला

सरकारी नौकरियों के लिए बीच में नहीं बदले जा सकते भर्ती नियम

वहीं, एक अन्य बड़े फैसले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने गुरुवार को कहा कि सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती नियमों को बीच में नहीं बदला जा सकता। अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा कि सरकारी नौकरियों के लिए चयन नियम भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से पहले तय किए जाने चाहिए।

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि सरकारी नौकरियों में चयन के नियमों को बीच में या भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद तब तक नहीं बदला जा सकता जब तक कि ऐसा निर्धारित न किया गया हो। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने इस मामले में फैसला सुनाया।