सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पहली स्पेशल लोक अदालत लगाई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा लोक अदालत लगाने का मकसद पेंडिंग मामलों की संख्या को कम करना है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज से शुरू की गई लोक अदालत की प्रक्रिया तीन अगस्त तक जारी रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई जा रही लोक अदालत हर दिन दोपहर दो बजे के बाद शुरू होगी। इस लोक अदालत में सुप्रीम कोर्ट के दो जजों के साथ एक सीनियर एडवोकेट और एक एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड मामले की सुनवाई करेंगे।
लोक अदालत पर कपिल सिब्बल बोले- ऐतिहासिक दिन, पहले कभी ऐसा नहीं हुआ
सोमवार को लोक अदालत आयोजित करने के मकसद को लेकर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने मीडिया से भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि लोक अदालत के जरिए छोटे केसों को निपटाना है। लोग यह नहीं समझते कि कैसे छोटे कैसे सुप्रीम कोर्ट के सामने आते हैं। इसलिए हमने हमने सर्विस डिस्प्यूट्स, लेबर डिस्प्यूट्स, भूमि अधिग्रहण मामले, मोटर एक्सिडें क्लेम, चेक डिसऑनर केस आदि से जुड़े मामलों को चुना है।
जब लोक अदालत में पति-पत्नी बोेले- हम साथ रहेंगे
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में उन्होंने लोक अदालत में उनके सामने आए ऐसे मामले के बारे में बताया जो उनके दिल को छू गया। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड ने कहा, “मुझे एक केस याद है जिसमें पति ने पटियाला हाउस कोर्ट में डाइवोर्स प्रोसिडिंग फाइल की थी और उसकी पत्नी ने मेंटेनेंस प्रोसिडिंग फाइल की थी व बच्चों की कस्टडी के लिए आवेदन किया था। वे दोनों प्री-लोक अदालत में एक साथ बैठे और दोनों ने फैसला किया कि वे साथ रहेंगे। इसलिए जब वे दोनों लोक अदालत के सामने आए, तो मैंने उनसे पूछा, उन्होंने कहा कि उन्होंने खुशी-खुशी साथ रहने का फैसला किया है। पत्नी ने कहा कि मुझे मेंटेनेंस नहीं चाहिए क्योंकि हम बहुत खुशी से साथ रह रहे हैं…”