सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) और उनकी पार्टी शिवसेना को बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट के पक्ष में लगी उस याचिका को ख़ारिज कर दिया, जिसमे यह मांग की गई थी कि उद्धव ठाकरे गुट (Uddhav Thackeray faction) के पास जो भी पार्टी संपत्ति है, उसे शिंदे गुट को ट्रांसफर कर दिया जाए।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा (Chief Justice of India D Y Chandrachud and Justice P S Narasimha) की पीठ ने एक वकील याचिकाकर्ता आशीष गिरी के ठिकाने पर सवाल उठाया और उनकी याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा, “आप कौन हैं? आपका अधिकार क्या है? डिसमिस।” आशीष गिरि ने कहा कि शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की गई है क्योंकि कोर्ट ने ठाकरे और शिंदे गुटों के बीच झगड़े से संबंधित विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई की है। उन्होंने कहा कि पार्टी की संपत्ति शिंदे समूह को हस्तांतरित की जानी चाहिए।
पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा, “यह किस तरह की याचिका है और आप कौन हैं? आपके अनुरोध पर विचार नहीं किया जा सकता है।” शीर्ष अदालत ने 16 मार्च को महाराष्ट्र राजनीतिक संकट से संबंधित उद्धव ठाकरे और सीएम एकनाथ शिंदे गुटों की क्रॉस-याचिकाओं के एक बैच पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पोल पैनल ने शिंदे गुट को चुनाव चिन्ह धनुष और तीर दिया है और यह मुद्दा वर्तमान में विचाराधीन है।
बता दें कि याचिकाकर्ता ने मांग की है कि पार्टी और उसके संगठनों से जुड़ी जितनी भी सम्पत्तियां और फंड हैं वह चुनाव आयोग के आदेश के मुताबिक पार्टी के नए अध्यक्ष को दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी से संबंधित सम्पत्तियों के बंटवारे को लेकर कोई विवाद ना हो इसके लिए सुप्रीम कोर्ट फैसले तक संपत्तियों की निगरानी के लिए रिसीवर नियुक्त करे।
बता दें कि शिंदे को पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह मिलने के बाद महाराष्ट्र के सीएम को पार्टी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। शिंदे को फरवरी के आखिरी में शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अध्यक्ष बनाया गया था।