CJI DY Chandrachud Case: देश के पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप वाली शिकायत का निपटारा करने को लेकर कहा है कि यह उसके अधिकार क्षेत्र के बाहर का मामला है। इसमें पूर्व सीजेआई के खिलाफ कथित तौर पर पद का दुरुपयोग करने से लेकर, एक राजनेता और राजनीतिक दल को लाभ पहुंचाने के आरोप में शिकायत दर्ज कराई गई थी।

पूर्व सीजेआई के खिलाफ यह केस 18 अक्टूबर 2024 को दर्ज कराया गया था, जबकि चंद्रचूड़ ने सीजेआई के तौर पर 10 नवंबर 2024 को अपना पद छोड़ दिया है। लोकपाल ने अपने आदेश में विस्तार से जांच की और यह भी जाना कि क्या वर्तमान मुख्य जज और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश लोकपाल या लोकायुक्त अधिनियम की धारा 14 के तहत उसके अधिकार क्षेत्र के आधीन है या नहीं।

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कानून के अन्य उपायों को अपनाने के लिए तैयार शिकायतकर्ता

शिकायत को लेकर 3 जनवरी के आदेश के अनुसार लोकपाल ने कहा है कि हम इस मामले में और कुछ नहीं कहेंगे। लोकपाल के अध्यक्ष जस्टिस ए.एम खानविलकर औऱ पांच अन्य सदस्यों द्वारा दिए गए आदेश में कहा गया कि वे इसे अधिकार क्षेत्र से वर्जित मानते हुए निपटारा कर रहे हैं। आदेश में कहा गया कि शिकायतकर्ता कानून में स्वीकार्य अन्य उपायों को अपनाने के लिए स्वतंत्र हैं।

लोकपाल ने कहा कि इस मुद्दे पर नहीं हो सकती बहस

लोकपाल के आदेश में कहा गया कि पहली नजर में इस तथ्य पर बहस ही नहीं हो सकती है कि सुप्रीम कोर्ट के जज एक ग्रुप से जुड़े हुए हैं। इसमें कहा गया कि सामान्य तौर पर सुप्रीम कोर्ट के जज सहित सभी न्यायाधीश पीसी अधिनियम की धारा 2(सी) के अंतर्गत अधिनियमों के तहत किसी न्यायालय या अन्य प्राधिकारी द्वारा अधिकारिता का प्रयोग किया जा सकता है।

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आदेश में कहा गया कि किसी भी कोर्ट का जज जनता का एक सेवक होता है। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार का अपराध करने के लिए कार्यवाई की जा सकती है। इसमें पीसी अधिनियम के तहत भी एक्शन हो सकता है, जैसा कि के वीरास्वामी बनाम भारत और अन्य केस में सु्प्रीम कोर्ट की संविधान पीठ द्वारा आदेश दिया गया था।

लोकपाल के कोर्ट ने कहा कि हमें कानूनों की व्याख्या के इस सिद्धांत को याद रखना होगा कि किसी भी दंडात्मक कानून की व्याख्या करते समय सख्त व्याख्या को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। लोकपाल ने कहा कि यही तर्क सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों या मुख्य न्यायाधीश पर भी लागू होना चाहिए, अर्थात वे पूर्णतः या आंशिक रूप से केंद्र सरकार द्वारा फंडेड या नियंत्रित नहीं होंगे। डीवाई चंद्रचूड़ से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।