सीवीसी द्वारा मांगी गई रिपोर्ट पर सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा के जवाब का कुछ अंश लीक होने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। सीजेआई ने आलोक वर्मा के वकील को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 29 नवंबर तक के लिए टाल दी है। सुनवाई के दौरान सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा, “कल हमने उम्मीद जताई थी कि इसकी (आलोक वर्मा का जवाब) गोपनियता बनी रहेगी, लेकिन कुछ कारणों से यह जानकारी लीक हो गई। हम सीबीआई की गरिमा बनाए रखने के लिए आलोक वर्मा का जवाब गोपनीय रखना चाहते थे।” सीजेआई ने सीबीआई डीआईजी द्वारा लगाए गए आरोपों को इंगित करते हुए कहा, “कोर्ट ऐसा प्लेटफॉर्म नहीं है, जहां कोई कुछ भी कहे। हम इसे सही करेंगे।” दरअसल, इस रिपोर्ट की कुछ बातें मीडिया तक पहुंच गई थी।
‘Court is not a platform for anyone to say anything. We will set it right,’ CJI Gogoi says while pointing out allegations levelled by CBI DIG Manish Kumar Sinha. https://t.co/b0j76Mpr5M
— ANI (@ANI) November 20, 2018
“आपमें से कोई सुनवाई के लायक नहीं है”: सुनवाई के दौरान सीजेआई ने आलोक वर्मा से वकील फली नरीमन से कहा कि हमने ये रिपोर्ट आपको वर्मा के वकील के तौर पर नहीं, बल्कि वरिष्ठ वकील के तौर पर दी थी। आखिर ये पेपर बाहर कैसे आ गए। इसके जवाब में वकील ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। रिपोर्ट लीक करने वालों को कोर्ट में उपस्थित कराया जाना चाहिए। यह जवाब सुनकर सीजेआई नाराज हो गए और उन्होंने कहा, “आपमें से कोई सुनवाई के लायक नहीं है।”
दरअसल, वर्मा ने सोमवार (19 नवंबर) को अपना जवाब एक सीलबंद लिफाफे में न्यायालय के सेक्रेटरी जनरल को सौंपा था। लेकिन यह लीक हो गया। सुनवाई के दौरान सीजेआई गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के. एम. जोसेफ की पीठ ने नरीमन को एक समाचार पोर्टल की खबर की प्रति सौंपी, जिसमें सीबीआई निदेशक का जवाब छपा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट पढ़ने के बाद नरीमन ने पीठ से कहा कि मीडिया में वर्मा का जवाब लीक होने को लेकर वह स्तब्ध हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि समाचार पोर्टल और उसके संबंधित पत्रकार को समन किया जाना चाहिए क्योंकि प्रेस को स्वतंत्र और जिम्मेदार होना चाहिए। बता दें कि न्यायालय वर्मा के अधिकार छीनने और अवकाश पर भेजे जाने संबंधी सरकारी आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

