सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कण्डेय काटजू देश से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। अब पूर्व जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने असम में मोबाइल इंटरनेट सेवा सस्पेंड किये जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। पूर्व जस्टिस काटजू ने ट्विटर पर अपनी राय रखते हुए कहा कि ‘पहले कश्मीर, फिर असम…भारत में अब इंटरनेट, इत्यादि सेवाएं कहां प्रतिबंधित होंगी?’ याद दिला दें इससे पहले भी जब इसी साल जनवरी के महीने में असम में नागरिता संशोधन बिल को लेकर हंगामा मचा था तब जस्टिस काटजू ने कहा था कि ‘पूरा असम नागरिकता संशोधन बिल की वजह से जल रहा है।’

यहां आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन बिल को लेकर पूर्वोतर में हंगामा मचा हुआ है। बुधवार (11-12-2019) को संसद के ऊपरी सदन (राज्यसभा) में केंद्र सरकार का यह बिल पास हो गया। केंद्र सरकार पहले ही इस बिल को लोकसभा में पास करा चुकी है। अब उम्मीद है कि यह बिल जल्दी ही कानून भी बन जाएगा।

लेकिन पूर्वोतर के राज्य शुरू से ही इस बिल का विरोध कर रहे हैं। यहां कई छात्र संगठन और गैर सरकारी संस्था सरकार के इस बिल के विरोध में सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं। कई इलाकों में यह प्रदर्शन हिंसक हो चुकी है और प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस की झड़प भी हुई है। इस झड़प में कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए हैं।

पूर्वोतर में प्रदर्शन से बिगड़ते हालात को देखते हुए सरकार ने पहले त्रिपुरा के कुछ जिलों में इंटरनेट सेवा को सस्पेंड कर दिया और अब असम के 10 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा को सस्पेंड कर दिया गया है। असम के लखीमपुर, धीमाजी, तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चरादियो, शिवसागर, जोरहाट, गोलाहाट, कामरप (मेट्रो) और कामर जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवा को निलंबित कर दिया गया है। यह सेवा गुरुवार शाम 7 बजे तक निलंबित रहेगी। सरकार की तरफ से कहा गया है कि यह कदम शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है।

इतना ही नहीं लोगों के प्रदर्शन को देखते हुए पूर्वोतर में इंडियन आर्मी की तैनाती भी की गई है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पूर्वोतर में बिगड़ते हालात को देखते हुए 5,000 पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती भी की गई है।