CISF Soldiers Mental Health: सेना, पुलिस या डिफेंस फोर्सेज का कोई भी विंग हो, उसमें शारीरिक तौर पर मजबूती के पैमानों पर खरा उतरने के बाद ही जवानों की भर्ती होती है, लेकिन कई बार शारीरिक तौर पर मजबूत होने वाले जवान मानसिक तौर पर चुनौतियां सामना करते रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि पिछले 12 वर्षों में हर दूसरे या तीसरे दिन सेंट्रल फोर्सेज का कोई जवान दर्दनाक हादसे का शिकार हो जाता है, जिसकी बड़ी वजह मनसिक तनाव यानी डिप्रेशन बताया गया। इसके चलते ही कई जवानों ने सुसाइड तक कर लिया।
जवानों की इस मानसिक तनाव को कम करने और जवानों की मेंटल हेल्थ को ही सुधारने के लिए अब सीआईएसएफ ने अब नया तरीका निकाला है, जिससे वे कोई गलत कम न उठाएं। इस पहल के अनुसार, अधिकारियों और जवानों के साथ उनके परिजनों को इस बात की ट्रेनिंग दी जाती है कि वे खुद को तनाव से कैसे दूर रखे।
CISF की मदद करेगा ABET
जवानों की मेंटल हेल्थ के लिए शुरू की गई इस पहल के लिए ही CISF को आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट का भी साथ मिल गया है। ये जवानों को मेंटली फिट रखने के लिए उन्हें ट्रेनिग दी जाएगी। जवानों के लिए इस पहल को लेकर CISF के उपनिरीक्षक दीपक वर्मा ने कहा है कि आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट के सहयोग से शुरू की गई इस पहल को ‘प्रोजेक्ट मन’ का नाम दिया गया है।
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‘प्रोजेक्ट मन’ चलाएगा CISF
CISF के इस प्रोजेक्ट मन के तहत समय-समय पर साइकोमेट्रिक असेसमेंट स्क्रीनिंग के जरिए मानसिक या भावनात्मक तनाव का सामना करने वाले जवानों की पहचान की जाएगी और उन्हें मदद भी दी जाएगी। इस प्रयास के जरिए भविष्य के जोखिम को समय रहते रोकने में सीआईएसएफ को मदद मिले सकेगी।
CISF के अधिकारी दीपक वर्मा ने बताया है कि इस प्रोजेक्ट के तहत, ड्यूटी के दौरान और भावनात्मक तौर पर खुद को मजबूत करने के तरीकों का विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ट्रेंड साइकोलॉजिस्ट के जरिए सभी सुरक्षा बलों के सदस्यों की काउंसिल होगी और 24X7 हेल्पलाइन सर्विस भी मिलेगी।
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जानकारी के मुताबिक इस प्रोजेक्ट को व्यवस्थित तरीके से सभी जवानों तक ले जाने के लिए CISF ने आदित्य बिड़ला एजुकेशन के साथ एक MOU भी साइन किया है, इस MOU में CISF की तरह सीआईएसएफ वाइव्स एसोसिएशन संरक्षिका की सचिव कनन श्रीवास्तव और एमपॉवर की अध्यक्ष परवीन शेख ने हस्ताक्षर किए हैं।
