भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लम्बे समय से तनाव की स्थितियां बनी हुईं हैं। पीआईबी के हवाले से आई खबर के मुताबिक भारतीय सेना के पीआरओ कर्नल अमन आनंद ने कहा है बीते 29-30 अगस्त की रात को चीनी सेना ने यथास्थिति को बदलने की कोशिश में झड़प की। चीन की ओर से लगातार हो रहीं इन घटनाओं के बीच भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करके सरकार से कड़े फैसले लेने की मांग की है।
अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि यह दुखद है कि भारत सरकार को इस बात का एहसास नहीं है कि चीन ने हमारे देश के बारे में फैसला ले लिया है। भारत को भी चीन के बारे में कोई फैसला ले लेना चाहिए। अब वार्ता की मेज पर बैठने की बजाय कठोर फैसला लेना चाहिए। बीते 5 साल में 18 बार जिनपिंग से मुलाकात के बाद भी चीन भारतीय हितों की परवाह नहीं कर रहा है।
सुब्रमण्यम स्वामी के इस ट्वीट का समर्थन करते हुए सौरव सिंह ने लिखा, “मोदी जी से देश नही संभल रहा है तो इस्तीफ़ा दे दीजिए क्यू PM के गद्दी पर बैठकर कुर्सी के गरिमा को भी नष्ट कर रहे है। इन से ना चीन ना पाकिस्तान ना नेपाल ना देश की अर्थव्यवस्था संभल रहा है कुछ भी तो इन से नही हो रहा है। केवल गद्दी पे बैठ हमारे टैक्स के पैसे से मज़े लूट रहे है”
आज सेना की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में पिछली सहमति का उल्लंघन किया और यथास्थिति को बदलने के उद्देश्य से उकसावेपूर्ण सैन्य की। हमारे सैनिकों ने पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी छोर पर चीनी सेना की गतिविधियों को पहले ही विफल कर दिया और चीन की तरफ से एकतरफ़ा मनमानी को रोकने के उपाय भी किये गए। भारतीय सेना बातचीत के माध्यम से शांति और शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए भी दृढ़ है। मुद्दों को हल करने के लिए चुशुल में एक ब्रिगेड कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग चल रही है।
आपको बता दें कि अब तक कई बार कोर कमांडर स्तर की बैठकें हो चुकीं हैं। जिनमें चीन ने पहले जैसी स्थितियां कायम करने की बात भी कही थी। लेकिन अभी तक उसने इस पर अमल न के बराबर ही किया है।
It sad that the Govt does not realise the Chinese have made a decision about India. We must make a decision about China. Get tough, I repeat, get tough and not sit at a table. After sitting with Xi Jinping 18 times in 5 years Chinese could not care less for Indian leaders
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 31, 2020
हिंदुस्तान टाइम्स को हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लद्दाख में तनाव के हालातों पर बात करते हुए कहा था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन ने बड़ी संख्या में सेना की तैनाती की है। जिसे अभी हम समझ नहीं पा रहे है कि वह ऐसा क्यों कर रहा है जबकि समझौता सेनाएं घटने को लेकर हुआ था।
गौरतलब है कि बीते 15 जून को गलवान घटी में दोनों देशों के सैनिको के बीच एक हिंसक झड़प हुई थी। जिसमें भारतीय पक्ष से 20 सैनिक शहीद हो गए थे वहीं चीन के भी लगभग 43 सैनिक मारे जाने का दावा किया जा रहा था।