रूस के कजान में पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर दोनों नेताओं ने LAC पर गश्त को लेकर समझौते का स्वागत किया। अब इस मामले पर चीन का ताज़ा बयान सामने आया है और चीन की ओर से कहा गया है कि चीनी और भारतीय सेनाएं एलएसी के साथ पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की वापसी से संबंधित प्रस्तावों को व्यवस्थित तरीके से लागू कर रही हैं। भारतीय सेना के सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि दीपावली के अवसर पर दोनों देशों की सेनाएं आपस में मिठाइयां भी बाटेंगी।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने मीडिया ब्रीफिंग में सैनिकों की वापसी की डवलपमेंट के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि चीन और भारत सीमा से संबंधित मुद्दों पर समाधान पर पहुंच गए हैं।
क्या है ताजा जानकारी?
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, “फिलहाल चीनी और भारतीय सेना व्यवस्थित तरीके से प्रस्तावों को लागू करने का प्रयास कर रहे हैं।” इसके अलावा उन्होंने कोई भी विवरण देने से इनकार कर दिया।
भारत और चीन के बीच हुए अहम समझौते के बाद दोनों देशों ने 2 अक्टूबर को पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग सैनिकों की वापसी शुरू कर दी। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद दोनों एशियाई देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई थी और रिश्ते बेहद खराब हो गए थे। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 21 अक्टूबर को नई दिल्ली में कहा था कि पिछले कई हफ्तों से चल रही बातचीत के बाद समझौते को अंतिम रूप दिया गया है और इससे 2020 में उत्पन्न मुद्दों का समाधान निकलेगा।
India China Disengagement Explained: देपसांग-डेमचोक से पूरी तरह से हट जाएगा भारत-चीन सैन्य जमावड़ा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दोनों देशों के बीच उपजे मतभेदों और विवादों को ठीक से संभालने के महत्व पर भी जोर दिया। एक तरफ शी जिनपिंग ने बेहतर कम्यूनिकेशन और सहयोग का आह्वान किया और कहा, “हम दोनों देशों के लोग और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय हमारी बैठक पर पर गौर कर रहे हैं।” दूसरी तरफ पीएम मोदी ने कहा,”हमारा मानना है कि भारत-चीन संबंध न केवल हमारे लोगों के लिए बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और प्रगति के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।”
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