भारत-चीन सीमा विवाद के बीच डोकलाम के पास चीन द्वारा पिछले एक साल में चार गांव बसाने का मामला सामने आया है। बता दें कि भूटान और चीन के बीच विवादित स्थान पर यह गांव बसाए गये। दरअसल इसका पता चीनी सैन्य विकास पर एक वैश्विक शोधकर्ता द्वारा ट्वीट की गई नई सैटेलाइट तस्वीरों से चला है।

गौरतलब है कि तस्वीरों में भूटानी क्षेत्र में चीनी गांवों का निर्माण दिख रहा है। चीन और भूटान के विवादित क्षेत्र में 2020 और 2021 के दौरान निर्माण गतिविधि दिखाई गई थीं। यह गांव लगभग 100 वर्ग किमी के क्षेत्र में बसाए गए हैं। चीन का यह कदम भारत के लिए चिंताजनक है। दरअसल भूटान की सीमा सुरक्षा के लिए भारत वहां सीमित सशस्त्र बल रखता है। ऐसे में इसका असर अधिक रूप से भू-रणनीतिक प्रभाव पर भी होगा। इसको देखते हुए चीन द्वारा गांवों का निर्माण भारतीय हितों के लिए सही नहीं माना जा रहा है।

भूटान में गांवों के बसाए जाने को लेकर मुख्य वैश्विक शोधकर्ताओं में से एक ने अपने ट्वीट(@detresfa) में लिखा, “डोकलाम के पास 2020-21 के बीच भूटान और चीन के बीच विवादित भूमि पर निर्माण गतिविधि को जाहिर होती है। लगभग 100 वर्ग किमी के दायरे में कई नए गांव बसाए गए हैं। क्या चीन के क्षेत्रीय दावों को लागू करने के लिए यह कदम है?” बता दें कि विवादित क्षेत्र में चीन द्वारा गांवों का निर्माण मई 2020 और नवंबर 2021 के बीच किया गया था।

वहीं भारत की तरफ से “थ्री-स्टेप रोडमैप” पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा गया है कि हमने भूटान और चीन के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। आप जानते हैं कि भूटान और चीन 1984 से सीमा विवाद को लेकर वार्ता कर रहे हैं। भारत भी इसी तरह सीमा को लेकर चीन से वार्ता कर रहा है।

बता दें कि भूटान के अलावा अरुणाचल प्रदेश के करीब विवादित इलाके में भी चीन द्वारा 100 घरों वाले गांव को बसाने की खबरें सामने आईं थी। दरअसल तीन नवंबर को अमेरिका की रक्षा विभाग की रिपोर्ट में एलएएसी के पास अरुणाचल सेक्टर से सटे विवादित क्षेत्र में चीन द्वारा गांव बसाए जाने का खुलासा किया गया था। जिसे भारत ने अवैध बताया है। भारत ने कहा कि इस तरह की हालत किसी भी तरह से मंजूर नहीं है।

गौरतलब है कि अमेरिकी रक्षा विभाग की रिपोर्ट में कहा गया था कि साल 2020 में चीन ने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और अरुणाचल प्रदेश के बीच विवादित हिस्से में 100 घरों वाले गांव का निर्माण किया है। हालांकि इसको लेकर पिछले दिनों भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों के सूत्रों ने कहा था कि जिस विवादित सीमा पर गांव के निर्माण हुए, वहां पर चीन का 1959 से ही कब्जा है।