भारत और चीन के बीच लद्दाख स्थित एलएसी पर अभी तक विवाद सुलझ नहीं पाया है। इस बीच खबर है कि चीनी सेना ने भूटान के क्षेत्र के दो किलोमीटर अंदर एक गांव बसा लिया है। यह क्षेत्र डोकलाम की उस जगह से महज 9 किमी दूर है, जहां 2017 में दोनों देशों की सेनाओं के बीच टकराव की स्थिति पैदा हुई थी। इस बीच भारत में भूटान के राजदूत ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा है कि भूटान में किसी चीनी गांव के होने की रिपोर्ट्स गलत हैं। उन्होंने साफ किया कि ऐसा कोई गांव भूटान में है ही नहीं।
चीन की इस शातिर योजना का खुलासा चीनी न्यूज चैनल CGTN के सीनियर प्रोड्यूसर शेन शिवेई के ट्वीट्स के जरिए हुआ, जिन्हें बाद में डिलीट भी कर दिया गया। इन फोटोज में डोकलाम इलाके में चीनी गांव होने की बात कही गई थी। साथ ही इसकी ठीक लोकेशन भी दी गई थी। बताया गया है कि चीन का यह नया गांव- पांगड़ा भूटान के क्षेत्र में दो किलोमीटर अंदर है और सलामी स्लाइसिंग का बड़ा उदाहरण है।
Here’s a CGTN news producer openly admiting that China has occupied and now populated part of a sovereign country. This Pangda village has been constructed (as shown by the included map) ~2.5km beyond Bhutan’s international border. China now baselessly claims about 12% of Bhutan. https://t.co/3TxNSffYdJ pic.twitter.com/fEAgWXk7Ln
— Nathan Ruser (@Nrg8000) November 19, 2020
भारत के लिए चीन के एक गांव का भूटानी क्षेत्र में बसना खासा चिंता का विषय है, क्योंकि भारतीय सेना ही भूटान के क्षेत्र की रक्षा के लिए भी जिम्मेदार है। मीडिया ग्रुप एनडीटीवी के पत्रकार विष्णु सोम ने चीनी के गांव बसाने से जुड़ी कुछ सैटेलाइट फोटोज भी शेयर की हैं। इसके अलावा कुछ स्वतंत्र ट्विटर हैंडल्स ने भी भूटान के क्षेत्र में चीनी गांव होने की बात कही है।
4. And this is a zoomed out location – Sikkim to the west, China to the north and the location of the village to the east, well within Bhutan. pic.twitter.com/zS2alRArHc
— Vishnu Som (@VishnuNDTV) November 19, 2020
बता दें कि भारत और चीन पहले ही पूर्वी लद्दाख में उलझे हुए हैं। जून में गलवान घाटी में हुए टकराव में जहां भारतीय सेना के 20 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे, वहीं चीन के भी कई जवानों की जान गई थी। इसके बाद से दोनों ही देश लद्दाख में हजारों की संख्या में जवान इकट्ठा कर चुके हैं। बताया गया है कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच हाल ही में जो बैठक हुई थी, उसमें पैंगोंग सो और अन्य आमने-सामने वाली जगहों से पीछे हटने की योजना पर चर्चा हुई थी।