चीन की महत्वकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव को लेकर चल रहा समिट शनिवार को खत्म हो गया है। समिट के दूसरे दिन यानि कि शुक्रवार को चीन ने जो भारत का नक्शा पेश किया था उसमें आश्चर्यजनक तरीके से अरुणाचल प्रदेश और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को भी भारत का हिस्सा दिखाया था। जबकि चीन अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा जताता है और इसे विवादित मानता है। यही वजह रही कि चीन का यह कदम काफी हैरानी भरा रहा। हालांकि एक दिन बाद ही चीन को शायद इस बात का अहसास हुआ और वह पलट गया और अरुणाचल प्रदेश और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को भारत के नक्शे से हटा दिया। चीन ने हाल के समय में ऐसे हजारों नक्शे नष्ट किए हैं, जिनमें अरुणाचल प्रदेश को भारत के राज्य के तौर पर दिखाया गया है।
बता दें कि चीन का दूसरा बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव समिट चल रहा है। दुनियाभर से 37 देश इस समिट में हिस्सा ले रहे हैं। पिछले समिट की तरह ही भारत ने इस बार भी चीन के इस अहम समिट का बहिष्कार किया। दरअसल बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव के तहत बनाया जा रहा सीपेक (CPEC) पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजर रहा है। वहीं भारत पीओके को अपना हिस्सा मानता है और चीन के सीपेक के पीओके से गुजरने को भारत ने अपनी संप्रभुता का उल्लंघन माना है। यही वजह है कि भारत ने चीन की इस महत्वकांक्षी परियोजना से दूरी बना ली है।
क्या है बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव और क्या है इसकी चीन के लिए अहमियत?: बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का कह सकते हैं कि ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत साल 2013 में की गई थी और इस परियोजना के तहत चीन अरबों डॉलर की लागत से दक्षिण पूर्वी एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी देशों, अफ्रीका, यूरोप तक सड़क मार्ग और जल मार्ग का जाल बिछाना चाहता है। इस परियोजना की मदद से चीन की पहुंच जहां दुनिया के किसी भी देश तक हो जाएगी, वहीं दुनिया भर के बाजारों तक भी चीन माल पहुंच सकेगा, जिससे चीन की अर्थव्यवस्था को भारी फायदा होगा। बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव परियोजना के तहत ही चीन पाकिस्तान में CPEC का निर्माण कर रहा है। CPEC की मदद से चीन की हिंद महासागर तक सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी। इसके चीन को आर्थिक और रणनीतिक काफी फायदे होंगे।