कुछ दिन पहले ही देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन का दौरा किया था। इसके बाद अब चीन का बड़ा बयान आया है। चीन ने सोमवार को कहा कि भारत के साथ सीमा विवाद के समाधान में समय लगेगा लेकिन हम परिसीमन पर चर्चा के लिए तैयार हैं। चीन विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने यह बयान दिया। बता दें कि 26 जून को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री डोंग जून के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई थी। राजनाथ सिंह SCO डिफेंस मंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन गए हुए थे।
सीमा मुद्दा कठिन है- चीन
चीन ने कहा, “सीमा मुद्दा कठिन है और इसे हल करने में समय लगेगा। सीमा समस्या को जल्दी से हल नहीं किया जा सकता है। सीमा का सवाल जटिल है और इसे सुलझाने में समय लगता है।”
माओ निंग ने अंतिम समाधान के लिए राजनीतिक मापदंडों पर 2005 के समझौते सहित राजनयिक और मिलिट्री कम्युनिकेशन सिस्टम के अस्तित्व को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, “चीन परिसीमन वार्ता और सीमा प्रबंधन सहित मुद्दों पर भारत के साथ कम्युनिकेशन बनाए रखने के लिए तैयार है।”
डी-एस्केलेशन प्रक्रिया को लेकर नहीं दिया बयान
हालांकि माओ निंग ने राजनाथ सिंह के डी-एस्केलेशन प्रक्रिया या विश्वास की कमी को दूर करने के लिए कार्रवाई के प्रस्ताव पर कोई सीधी प्रतिबद्धता नहीं जताई। इसको लेकर भारत का कहना है कि 2020 के लद्दाख गतिरोध के बाद से यह अनसुलझा मामला है।
डोंग जून के साथ अपने द्विपक्षीय बैठक में राजनाथ सिंह ने अच्छे पड़ोसी की स्थिति की आवश्यकता पर जोर दिया और चीन से तनाव कम करने के लिए एलएसी पर ठोस कदम उठाने का आह्वान किया था। भारतीय रीडआउट के अनुसार राजनाथ सिंह ने पहलगाम आतंकी हमले और पाकिस्तान में आतंकी ढांचे के खिलाफ भारत के ऑपरेशन सिंदूर पर भी चर्चा की, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा का एक व्यापक आयाम जुड़ गया।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि सकारात्मक बात यह की दोनों देशों ने सीमा विवाद और शांति स्थापित करने के लिए पहले से ही कम्युनिकेशन स्थापित किया हुआ है। बता दें कि राजनाथ सिंह की चीनी रक्षा मंत्री के साथ बैठक से पहले भारत के एनएसए अजीत डोभाल ने चीन रक्षा मंत्री के साथ बैठक की थी। इस बैठक में दोनों देशों ने 2024 के डिसइंगेजमेंट समझौते की पुष्टि की थी। इससे दोनों देशों के बीच तनाव भी काम हुआ था।