कोरोना त्रासदी के बीच समाज का एक विकृत चेहरा भी सामने आया है। ‘चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज मटेरियल इन इंडिया’ शीर्षक से भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत शोध रिपोर्ट रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है कि कोरोना की वजह से की गई पूर्णबंदी के दौरान बाल यौनाचार्य (चाइल्ड प्रोनोग्राफी) देखने वालों की संख्या दोगुनी हुई है। इंटरनेट पर 21 दिनों की पूर्णबंदी में इसकी मांग में 95 फीसद से ज्यादा तक की वृद्धि दर्ज की गई है। ‘चाइल्ड पोर्न’ और ‘टीन सेक्स’ वीडियो जैसी शीर्षक से हो रही खोजों में अभूतपूर्व वृद्धि इन दिनों जारी है। ये कृत्य राष्ट्रीय नीति व सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का घोर उल्लंघन हैं। बाल अधिकार की लड़ाई लड़ रहे संगठन इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड (आइसीपीएफ) का कहना है कि सरकार को इसपर कड़ी कार्रवाई करनी होगी। उनका दावा है कि पोर्नोग्राफी वेबसाइट अपने वेबसाइट का यूआरएल बदलकर भारतीय कानून के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
शोध के मुताबिक हिंसक सामग्री की मांग में 200 फीसद तक की वृद्धि दर्ज हुई है। रिपोर्ट में यूरोपोल, यूनाइटेड नेशंस, ईसीपीएटी की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है। जिसमें कहा गया है कि बच्चे अब आनलाइन ग्रूमिंग और यौन उत्पीड़न के शिकार हो रहे हैं। चाइल्डलाइन इंडिया हेल्पलाइन का हवाला देते हुए रिपोर्ट में बताया गया है कि इस हेल्पलाइन पर पूर्णबंदी के 11 दिनों के दौरान 92,000 से अधिक इमरजंसी फोन आए। जिनमें यौन दुव्यर्हार और हिंसा से बचाने और सुरक्षा की मांग की गई। इस पर चिंता जताते हुए इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड की प्रवक्ता निवेदिता आहूजा ने कहा-यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का भी घोर उल्लंघन है।
भारत सरकार को चाइल्ड प्रोनोग्राफी के खिलाफ कड़े कदम उठाने चाहिए। उनके मुताबिक इस मुद्दे पर भारत के उपरराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू की ओर से गठित राज्यसभा की समिति ने जियो और एयरटेल जैसी इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियों के लिए कड़े कानून बनाने की सिफारिश की है। समिति ने फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया मंचों को जवाबदेह बनाने की सिफारिश भी की है। ताकि वे बाल दुर्व्यवहार और यौन शोषण को बढ़ावा देने वाले सामाग्रियों को रोकें।
भुवनेश्वर और चेन्नई सबसे आगे
आइसीपीएफ रिपोर्ट में आनलाइन डेटा मॉनिटरिंग वेबसाइट, प्रोनोग्राफी वेबसाइट ‘पोर्नहब’, चाइल्डलाइन इंडिया का जिक्र कर दावों की पुष्टि की गई है। रिपोर्ट में भारत के 100 शहरों का सर्वे है। भुवनेश्वर और चेन्नई चाइल्ड प्रोनोग्राफी के केंद्र हैं। कोलकाता, चंडीगढ़, गुवाहाटी, इंदौर, नई दिल्ली, लुधियाना भी शामिल है।
जुर्म और सजा
चाइल्ड पोर्नग्राफी का संग्रहण या वितरण करने पर कड़ी सजा का प्रावधान है। अगर फोन, कंप्यूटर, लैपटॉप आदि में बच्चों से जुड़ा फोटो, वीडियो, संदेश आदि पाया जाता है तो यह गैर जमानती अपराध है। चाइल्ड पोर्नग्राफी पर कानून, सूचना प्रौधोगिकी (संशोधन) कानून , आइपीसी की धाराओं भी मामले दर्ज किए जा सकते हैं।

