सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) कंपनियों से मदद मांगी है। उन्होंने हिंदुस्तान यूनिलीवर, प्रॉक्टर एंड गैम्बल और नेसले जैसी कंपनियों से कैंटीन स्टोर डिपार्टमेंट (सीएसडी) में व्याप्त भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए मदद मांगी है। सीएसडी इन कंपनियों की सबसे बड़ी ग्राहक है। इकॉनोमिक टाइम्स के मुताबिक सेना प्रमुख का कहना है कि पिछले कुछ समय से सीएसडी में भ्रष्टाचार हो रहा है और इसमें वर्दी में मौजूद अधिकारी भी लिप्त हैं।

रावत ने सोमवार को मुंबई में आयोजित वेंडर मीट में शीर्प कंपनियों के अधिकारियों से कहा, ‘पिछले कुछ सालों से कैंटीन सर्विस के कामकाज में कुछ समस्याएं आ रही हैं। कुछ मौकों पर वर्दी में मौजूद हमारे अधिकारी भी बिजनेस पार्टनर कंपनी में मौजूद अपने दोस्तों की मदद से भ्रष्टाचार करते हैं। हम बिजनेस पार्टनर से इस समस्या के समाधान में मदद चाहते हैं। हम चाहते हैं कि कैंटीन सर्विस में कुछ गड़बड़ी न हो और इन गड़बड़ियों में अगर वर्दी में मौजूद कोई अधिकारी लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में आप हमारी मदद करें।’ सीएसडी को आर्मी कैंटीन भी कहा जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक आर्मी कैंटीन ने वित्तीय वर्ष 2018 में 18000 करोड़ रुपए का सेल किया है, जो कि भारत में बिकने वाले गुड्स का 5 से 7 फीसदी है।

आपको बता दें कि साल 2011 में एक संसदीय पैनल ने सैनिकों को राशन मुहैया कराने वाली कैंटीन में जारी भ्रष्टाचार को लेकर सेना को घेरा था और कैंटीन में ऑडिट की भी मांग की थी। साल 2012 में सीएसडी द्वारा कैंटीन के लिए खरीददारी में बिचौलियों की भूमिका को खत्म करने की कवायद शुरू कर दी गई थी। रावत ने एफएमसीजी कंपनियों से कहा, ‘हम कैंटीन की सर्विस में पारदर्शिता लाना चाहतै हैं और इसके लिए हमें आपके समर्थन की जरूरत है। हम आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि इस भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी व्यक्ति को नहीं छोड़ा जाएगा। फिर चाहे वह मुख्यालय में तैनात हो या फिर रीजनल सेंटर में या फिर डीपो में। हम रक्षा क्षेत्र में किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं कर सकते।’