आंध्र प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को पूर्व सांसद और वाईएसआरसीपी नेता वाई वी सुब्बा रेड्डी को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह बोर्ड तिरुमाला में भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर की देखरेख करता है। विशेष मुख्य सचिव (राजस्व-बंदोबस्ती) मनमोहन सिंह ने कहा कि जल्द ही बोर्ड के अन्य सदस्यों की भी नियुक्ति की जाएगी। बता दें कि सुब्बा रेडी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी के चाचा है। इससे पहले टीडीपी नेता पुत्ता सुधाकर यादव टीटीडी के चेयरमैन थे। उन्होंने गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
पीटीआई के अनुसार, शुरूआत में सुधाकर यादव राज्य की सत्ता में परिवर्तन के बावजूद अपने पद पर बने रहने पर अड़े थे। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में वाईएसआर कांग्रेस की जीत के बाद टीटीडी बोर्ड के 10 सदस्यों ने स्वेच्छा से अपने पदों को छोड़ दिया, जबकि एक विधायक का चुनाव हारने के बाद भी ऑफिस पर कब्जा किए हुए थे। इस तरह से, तीन पूर्व-सरकारी सदस्यों (सरकारी अधिकारियों) के अलावा केवल तीन सदस्य ही बोर्ड में बने रहे।
टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी अनिल कुमार सिंघल ने इस संबंध में सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी और कहा कि आंध्र प्रदेश धर्मार्थ और हिंदू धार्मिक संस्था और बंदोबस्ती अधिनियम 1987 की धारा 126 के तहत (टीटीडी) बोर्ड की बैठक आयोजित करने का कोरम पांच है। अर्थात बैठक के लिए कम से कम पांच सदस्य होने चाहिए। चूंकि किसी भी बैठक में हमेशा कुछ अनुपस्थित रहे हैं, ऐसे कुछ सदस्यों के साथ प्रशासन चलाना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं था। ऐसी स्थिति में कार्यकारी अधिकारी ने एक पत्र में सरकार से टीटीडी प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने के लिए कार्रवाई करने का अनुरोध किया।
विशेष मुख्य सचिव ने कहा कि पत्र के आधार पर, सरकार ने पिछले ट्रस्ट बोर्ड को भंग करने का फैसला किया क्योंकि यह नंबर प्रशासन को चलाने के लिए गंभीर रूप से कम और व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। इसके बाद उन्होंने टीटीडी ट्रस्ट बोर्ड को भंग करने का आदेश जारी किया और सुब्बा रेड्डी को नया अध्यक्ष नियुक्त करते हुए एक और आदेश जारी किया।