CJI DY Chandrachud Last Working Day: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ रविवार को पद से मुक्त हो जाएंगे। अब उनकी जगह जस्टिस संजीव खन्ना सीजेआई का पद संभालेंगे। वह सुप्रीम कोर्ट में सबसे वरिष्ठ हैं। वह भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। सीजेआई की भूमिका न्याय को बनाए रखने और संविधान की रक्षा करने में अहम है।
संविधान के आर्टिकल 124(7) के मुताबिक, एक बार उनका कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद में सीजेआई और सुप्रीम कोर्ट के बाकी जजों को किसी भी कोर्ट में वकालत करने से बैन कर दिया जाता है। इसका मकसद न्यायपालिका की स्वतंत्रता और अखंडता में लोगों के भरोसे को बनाए रखना है। न्यायपालिका लोकतंत्र का एक स्तंभ है।
ऐ
रिटायरमेंट के बाद सीजेआई कौन सी भूमिकाएं निभा सकते हैं?
अब रिटायरमेंट के बाद सीजेआई की भूमिका की बात करें तो वह कोर्ट में भले ही कानून की प्रैक्टिस नहीं कर सकते हों लेकिन ऐसे कई मौके आते हैं जब वह अपनी भूमिका निभा सकते हैं और एथिकल स्टैंडर्ड का किसी भी तरह उल्लंघन नहीं करते हैं। रिटायर्ड जज अक्सर मध्यस्थ बन जाते हैं। यहां पर जटिल कानूनी मामलों को सुलझाने में उनकी राय ज्यादा मूल्यवान होती है। मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 रिटायर्ड जजों को मध्यस्थ के रूप में काम करने की इजाजत देता है।
AMU का अल्पसंख्यक दर्जा फिलहाल रहेगा बरकरार, सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया 57 साल पुराना मामला
इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज अक्सर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग या एनजीटी जैसे आयोगों के अध्यक्ष होते हैं या उनमें शामिल होते हैं। कई रिटायर्ड जज कानूनी विद्यालयों में अध्यापन के जरिये अपना ज्ञान भी बांटते हैं। साथ ही, उन्हें संवैधानिक भूमिकाओं में भी नियुक्त किया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर देखें तो राज्यपाल या सरकारी समितियों के सदस्य भी बनाए जा सकते हैं।
रंजन गोगोई को राज्यसभा में मनोनीत किए जाने को लेकर हुई थी बहस
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जजों के रिटायरमेंट के बाद में कुछ पद संभालने पर राजनीतिक बहस भी होती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को उनके रिटायरमेंट के तुरंत बाद राज्यसभा में मनोनीत किए जाने पर इस बात पर गरमागरम बहस हुई कि क्या ऐसे पद न्यायिक स्वतंत्रता को कमजोर करते हैं।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने धन्यवाद भाषण में क्या कहा
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को शुक्रवार को न्यायिक सेवा से रिटायर होने पर सुप्रीम कोर्ट में औपचारिक विदाई दी गई। सेरेमोनियल बेंच की ऑनलाइन स्ट्रीमिंग में अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल समेत वकीलों ने निवर्तमान सीजेआई को संबोधित किया और न्यायपालिका में उनके योगदान को याद किया। जस्टिस चंद्रचूड़ ने अदालत में अपने अंतिम संबोधन में कहा कि अगर उन्होंने कभी किसी को ठेस पहुंचाई हो तो इसके लिए माफी मांगी।