लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने पद से इस्तीफा देने पर अड़े हुए हैं। उन्होंने चुनाव के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में अपने इस्तीफे की पेशकेश की। इसके बाद से पार्टी की तरफ से जितने भी फैसले लिए गए वह ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी की तरफ से लिए गए। गुरुवार (27 जून 2019) को छत्तीसगढ़ के लिए मोहन मर्कम को प्रदेश अध्यक्ष चुना गया। इस आदेश में ‘कांग्रेस अध्यक्ष’ का जिक्र हुआ। चुनाव के बाद यह पहला मौका था जब किसी आदेश को कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ से जारी किया गया।
हालांकि इस आदेश में राहुल गांधी का नाम नहीं लिखा गया सिर्फ ‘कांग्रेस अध्यक्ष’ लिखा गया है। इससे साफ है कि पार्टी के भीतर अब भी पसोपेश की स्थिति बनी हुई है। एक तरफ जहां कांग्रेस वर्किंग कमेटी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं कर रही तो दूसरी तरफ राहुल अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। ये बात इसलिए भी पुख्ता हो जाती है क्योंकि हाल ही में राहुल गांधी ने हरियाणा के नेताओं के साथ बैठक की थी। बैठक में उन्होंने कहा था कि वह राज्य के नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं कर सकते क्योंकि वह अध्यक्ष नहीं हैं। इस बीच मीडिया में इस बात की चर्चा है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस शासित किसी एक राज्य के मुख्यमंत्री अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं।
राहुल गांधी का इस्तीफा अगर स्वीकार कर लिया जाता है तो इस स्थिति में किसी ऐसे शख्स की तलाश की जा रही है जो बहुसंख्यक आबादी का नेतृत्व करता हो। हालांकि पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि अध्यक्ष पद पर अल्पसंख्यक समुदाय के किसी नेता को नियुक्त करना चाहिए जिससे बीजेपी की तुष्टिकरण की राजनीति प्रभावित हो। हालांकि राजनीतिक हलकों में ये खबर है कि अधिकांश कांग्रेस नेता पार्टी का अगला अध्यक्ष दक्षिण भारत से चाहते हैं।