छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में संदिग्ध हालात में एक ही परिवार के 8 लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य लोग गंभीर हैं। घटना से सूबे में हड़कंप मच गया है। पुलिस कई एंगलों से मामले की जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। अगर उससे कुछ क्लीयर नहीं हुआ तो विसरा से यह पता चल सकेगा कि मौत की असली वजह क्या थी।

उधर, बिलासपुर के सीएमओ ने बताया कि इन लोगों ने होम्योपैथिक दवा Drosera 30 का सेवन किया था। इसमें 91 फीसदी अल्कोहल मिला होता है। इसके साथ सभी ने देसी शराब भी पी थी। सीएमओ ने कहा कि दवा देने वाला होम्योपैथिक डॉक्टर फरार है। पुलिस उसकी तलाश के लिए छापेमार कार्रवाई कर रही है।

सूत्रों का कहना है कि गांव के कुछ युवक होम्योपैथिक कफ सीरप में महुआ का शराब मिलाकर पी रहे थे। ऐसा वे कई दिनों से कर रहे थे। गांव में अफवाह फैली थी कि ऐसा करने से कोरोना संक्रमण नहीं होता है। जिन लोगों की मौत हुई हैं उन लोगों ने मंगलवार की शाम को होम्योपैथिक की दवा में शराब मिलाकर पी थी। इस दवा में पहले से ही काफी मात्रा में अल्कोहल मिला होता है।

रात में उनकी हालत बिगड़ने लगी। उन्हें उल्टियां होने लगी तो आनन-फानन में सभी को स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। बुधवार की सुबह ही 4 लोगों की मौत हो गई। उसके बाद चार और लोगों की मौत हुई और पांच अन्य लोग गंभीर रूप से बीमार हैं। ANI के मुताबिक इन लोगों को होम्योपैथिक दवा में मिलाकर देसी शराब का सेवन करना महंगा पड़ गया।

मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि परिवार के सभी सदस्यों का एक ही दवा का सेवन करना खटक रहा है। अगर परिवार में कोई बीमार था तो दवा का सेवन उसे ही करना चाहिए था। परिवार के सभी लोगों ने एक ही दवा पी, ये अपने आप में हैरत की बात है। हालांकि, सीएमओ कह रहे हैं कि इन लोगों ने दवा के साथ देसी शराब का सेवन भी किया था। परिवार के सभी लोग तो ऐसा नहीं कर सकते।