महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने NCP नेता नवाब मलिक की उम्मीदवारी का विरोध किया है। बीजेपी का कहना है कि वह दाऊद से संबंध रखने वालों के खिलाफ है। यह बयान भाजपा नेता आशीष शेलार ने मंगलवार को दिया है। मुंबई भाजपा अध्यक्ष शेलार ने एक समाचार चैनल से कहा, “हम अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े किसी व्यक्ति को टिकट देना स्वीकार नहीं करेंगे। नवाब मलिक का समर्थन नहीं करेंगे और हमारा रुख अलग होगा।”
क्या है पूरा मामला?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के तहत यह खबर चर्चा में है कि मुम्बई दक्षिण-मध्य संसदीय क्षेत्र के अणुशक्ति नगर से वर्तमान विधायक नवाब मलिक मानखुर्द-शिवाजी नगर से चुनाव लड़ सकते हैं और अणुशक्ति नगर विधानसभा क्षेत्र अपनी बेटी सना के लिए छोड़ सकते हैं।
बता दें कि नवाब मलिक महा विकास अघाड़ी सरकार में मंत्री थे और उन्हें 2022 में एनआईए द्वारा दाऊद और छोटा शकील और टाइगर मेमन सहित उसके सहयोगियों के खिलाफ दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। नवाब मलिक को इस साल जुलाई में मेडिकल आधार पर जमानत दी गई थी। एनसीपी में विभाजन के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट ने सहयोगी भाजपा की आपत्तियों के बावजूद नवाब मलिक को अपने पाले में ले लिया था।
अजित पवार और एकनाथ शिंदे को कितनी सीटें?
एकनाथ शिंदे और अजित पवार पहली बार चुनाव में अपनी-अपनी पार्टियों का नेतृत्व कर रहे हैं। अमित शाह ने उन्हें बेहतर संख्या में सीट देने का आश्वासन दिया है। भाजपा के चुनाव प्रबंधकों के मुताबिक पार्टी महायुति गठबंधन के तहत महाराष्ट्र की कुल 288 सीटों में से 150 से ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और उसका लक्ष्य 125 सीटें जीतना है। शुरुआती आकलन यह है कि पार्टी 50 विधानसभा क्षेत्रों में मजबूत स्थिति में है। इसका मतलब है कि बाकी 75 सीटों पर उसे अपनी कोशिशें दोगुनी करनी होंगी।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि एनसीपी (अजित पवार) और शिवसेना (शिंदे) को कितनी सीटें मिलेंगी। इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक बीजेपी नेताओं ने कहा कि शिवसेना को 75 से 80 सीटें मिलने की संभावना है, जबकि एनसीपी को 55-60 सीटें मिलेंगी। यह कमोबेश उसी मांग से मेल खाता है जो शिवसेना और एनसीपी कर रही हैं। शिवसेना की मांग 85-90 सीटों की है जबकि एनसीपी 60 सीटें चाहती है।