सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से बने कॉलेजियम सिस्टम का चेहरा तब्दील हो गया है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत कॉलेजियम के नए सदस्य हैं। उन्होंने जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस अजय रस्तोगी की जगह ली है। दोनों ही गर्मियों की छुट्टियों के दौरान रिटायर हो गए थे। उनके जाने के बाद पांच सदस्यीय कॉलेजियम की स्ट्रेंथ घटकर तीन पर आ गई थी। अप कॉलेजियम की टीम फिर से पूरी हो गई है।
हालांकि इस साल के दौरान कॉलेजियम में फिर से बदलाव होगा। साल के आखिर में जस्टिस संजय किशन कौल रिटायर हो जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट में 25 दिसंबर उनका आखिरी दिन होगा। जाहिर है कि उसके बाद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को उनकी जगह किसी और जस्टिस को देनी होगी। कॉलेजियम में फिलहाल सीजेआई और जस्टिस संजय किशन कौल के अलावा जस्टिस संजीव खन्ना भी शामिल हैं।
जस्टिस संजीव खन्ना चंद्रचूड़ के रिटायर होने केस बाद भारत के नए प्रधान न्यायाधीश होंगे। चंद्रचूड़ का कार्यकाल नवंबर 2024 में खत्म होगा। संजीव खन्ना के बाद जस्टिस सूर्यकांत भी सीजेआई बनने की रेस में हैं। उधर हाईकोर्ट्स की नियुक्तियों के लिए फैसला करने वाले तीन सदस्यीय कॉलेजजियम में सीजेआई और संजय किशन कौल के साथ जस्टिस संजीव खन्ना को जगह मिली है। इससे पहले उनकी जगह पर जस्टिस केएम जोसेफ थे।
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 31 है। हालांकि कुल स्ट्रेंथ 34 जजों की है। इस साल के खत्म होते होते सुप्रीम कोर्ट में कुछ और जगहें भी खाली हो जाएंगी, क्योंकि कुछ जस्टिस साल के आखिर तक रिटायर होने वाले हैं। जस्टिस कौल के अलावा जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस रविंदर भट्ट भी साल के आखिर तक सेवा निवृत हो जाएंगे। ध्यान रहे कि जजों की न्यिक्ति के मसले पर कॉलेजियम का मोदी सरकार से गहरा टकराव रहा है। कॉलेजियम की कुछ नियुक्तियों को सरकार ने मंजूरी देने से मना कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की इसके लिए तीखी आवोचना की थी।