चंद्रयान 3 चांद की तरफ काफी तेजी से अपने कदम बढ़ा रहा है। 23 अगस्त की सॉफ्ट लैंडिंग से पहले एक और बड़े पड़ाव को पार कर लिया गया है। विक्रम लैंडर ने अंतिम डीबूस्टिंग भी पूरी कर ली है। यानी कि वो चांद की और ज्यादा निचली कक्षा में प्रवेश कर चुका है। बताया जा रहा है कि विक्रम अब सिर्फ चांद से 23 किलोमीटर की दूरी पर है। अब 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान की लैंडिंग होने जा रही है।
चंद्रयान चांद के और करीब
इस समय इसरो का सारा जोर इस बात पर है कि विक्रम की रफ्तार को नियंत्रण में रखा जाए। पिछली बार जब चंद्रयान 2 फेल हुआ था, उसका बड़ा कारण ये था कि विक्रम की चांद की सतह पर हार्ड लैंडिंग हुई थी यानी कि वो क्रैश कर गया था। अब डीबूस्टिंग कर धीरे-धीरे रफ्तार को कम किया गया है, इसी वजह से दूरी सिर्फ 23 किलोमीटर की रह गई है।
6 पड़ाव कर लिए पार
यहां ये समझना जरूरी है कि चांद पर एक दिन धरती के 14 दिनों के बराबर होता है। ऐसे में 14 दिनों तक भारत का चंद्रयान चांद पर ही रहकर अपनी रिसर्च करने वाला है। विक्रम की तरफ से जो भी जानकारी साझा की जाएगी, वो आने वाले कई सालों की रिसर्स के लिए मददगार साबित होगी। अभी तक कुल 6 पड़ावों को पार कर लिया गया है, सबसे पहली चुनौती धरती से चांद की कक्षा में आने की थी। इसके बाद चांद की निचली कक्षा में जाने वाली अग्नि परीक्ष शुरू हुई। अब क्योंकि ये दोनों काम संपन्न हो गए हैं, भारत इतिहास रचने के काफी करीब है।
जानकारी के लिए बता दें कि चंद्रयान-3 के लैंडिंग के इस खास पल को देखने के लिए आप इसरो की आधिकारिक वेबसाइट lvg.shar.gov.in पर देख सकते हैं। इसके अलावा इसे आप चंद्रयान-3 की लैंडिंग को इसरो के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स X (ट्विटर) पर भी देख सकते हैं। इतना ही नहीं इसे आप फेसबुक के साथ डीडी नेशनल और जनसत्ता के यू ट्यूब चैनल पर भी देख सकते हैं।