Chandrayaan 3 Update: इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन को 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से लॉन्च किया था। लॉन्चिंग के करीब 40 दिन बाद चंद्रयान-3 चन्द्रमा की सतह पर लैंड करने को तैयार है। फिलहाल चंद्रयान-3 चांद की सतह से महज 25 किमी दूर है। भारत का यह तीसरा लूनर मिशन है। इससे पहले भारत चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 को चांद के ऑर्बिट में भेजने में सफल हुआ था। इसरो के साथ-साथ देशभर में लोग चंद्रयान मिशन की सफलता के लिए पूजा-अर्चना कर रहे है। इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ और चंद्रयान मिशन से जुड़े प्रमुख वैज्ञानिकों ने मिशन की सफलता के लिए चंद्रयान-3 मॉडल के साथ तिरुपति वेंकटचलपति मंदिर का दौरा किया और मिशन की सफलता की कामना की। चलिए इस मिशन से जुड़े हुए कुछ प्रमुख वैज्ञानिकों को जानते हैं।
एस. सोमनाथ
इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ भारत के महत्वाकांक्षी मून मिशन के मास्टरमाइंड में से एक है। इनके कार्यभार संभालने के बाद इसरो ने कई प्रमुख मिशन को पूरा किया है। चंद्रयान-3 के बाद आदित्य-एल1 और गगनयान जैसे महत्वपूर्ण मिशन को गति मिली है। जनवरी 2022 में के . सिवन के बाद सोमनाथ इसरो के अध्यक्ष चुने गए थे। इससे पहले वह विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक रह चुके है। वे तिरुवनंतपुरम में तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र (एलपीएससी) के निदेशक भी रह चुके है। सोमनाथ को लॉन्च वाहन सिस्टम इंजीनियरिंग में महारत हासिल है।
पी वीरमुथुवेल
पी वीरमुथुवेल ने 2019 में चंद्रयान-3 प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में कार्यभार संभाला था। वीरमुथुवेल चंद्रयान-3 मिशन के परियोजना निदेशक हैं। उन्होंने वर्तमान इसरो मुख्यालय में स्पेस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोग्राम कार्यालय में उप निदेशक के रूप में कार्य भी किया है। वीरमुथुवेल ने साल 2019 में लॉन्च किये गए चंद्रयान -2 मिशन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
रॉकेट वीमेन ऋतु करिधाल
रॉकेट वीमेन के नाम से प्रसिद्ध ऋतु करिधाल मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली हैं। ऋतु करिधाल को चंद्रयान-3 मिशन का डायरेक्टर बनाया गया है। इससे पहले ऋतु चंद्रयान-2 मिशन की भी डायरेक्टर रह चुकी हैं। वहीं ऋतु करिधाल मंगलयान मिशन में डिप्टी डायरेक्टर रह चुकी हैं और इस मिशन को उन्होंने सफलतापूर्वक पूर्ण किया था।
एस उन्नीकृष्णन नायर
एस उन्नीकृष्णन नायर VSSC के प्रमुख और LVM-3 रॉकेट के निर्माता हैं। वह और उनकी टीम मिशन के विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं के लिए जिम्मेदार है। LVM-3 रॉकेट को बाहुबली रॉकेट के नाम से जाना जाता है। यह इसरो का सबसे दमदार रॉकेट है।
एम शंकरन
एम शंकरन यूआर राव सैटेलाइट सेंटर के निदेशक हैं। बता दें कि यूआर राव इसरो के लिए भारत के सभी उपग्रहों के निर्माण कराता है। वर्तमान में शंकरन उस टीम का मार्गदर्शन कर रहे हैं जो देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए उपग्रह बनाती है। एम शंकरन ने चंद्रयान-3 मिशन में अहम भूमिका निभाई है।
ए राजराजन
राजराजन एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक हैं और वर्तमान में भारत के प्रमुख स्पेसपोर्ट, श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र एसएचएआर के निदेशक हैं। राजराजन कंपोजिट के क्षेत्र में विशेषज्ञ माने जाते हैं।
चंद्रयान-3 मिशन में अब तक क्या-क्या हुआ
6 जुलाई 2023- इसरो चीफ ने चंद्रयान-3 मिशन को लॉन्च करने की तारीख का ऐलान किया।
7 जुलाई- व्हीकल का इलेक्ट्रिक टेस्ट सफलतापूर्वक किया गया।
11 जुलाई- चंद्रयान-3 का लॉन्च रिहर्सल सफलतापूर्वक किया गया।
14 जुलाई- दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर चंद्रयान-3 को लॉन्च किया गया।
15 जुलाई- चंद्रयान-3 पहली बार पृथ्वी के ऑर्बिट में आगे बढ़ा।
17 जुलाई- चंद्रयान-3 दूसरी बार पृथ्वी के ऑर्बिट में आगे बढ़ा ।
18 जुलाई- चंद्रयान-3 तीसरी बार पृथ्वी के ऑर्बिट में आगे बढ़ा ।
20 जुलाई- चंद्रयान-3 चौथी बार पृथ्वी के ऑर्बिट में आगे बढ़ा।
25 जुलाई- आखिरी बार चंद्रयान पृथ्वी के ऑर्बिट में आगे बढ़ा।
1 अगस्त- चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा को छोड़कर चांद के लूनर ट्रॉजेक्टरी पाथ की ओर बढ़ा।
5 अगस्त- चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चांद की कक्षा में पहुंच गया।
6 अगस्त- चंद्रयान-3 चांद के ऑर्बिट में पहली बार चांद के कक्षा में आगे बढ़ा।
9 अगस्त- चंद्रयान-3 दूसरी बार चांद के ऑर्बिट में आगे बढ़ा।
12 अगस्त- चंद्रयान-3 तीसरी बार चांद के ऑर्बिट में आगे बढ़ा।
14 अगस्त- चंद्रयान-3 चौथी बार चांद के ऑर्बिट में आगे बढ़ा।
16 अगस्त- चंद्रयान-3 पांचवी बार चांद के ऑर्बिट में आगे बढ़ा।
17 अगस्त- चंद्रयान-3 का प्रोपल्शन मॉडल और लैंडर मॉडल एक दूसरे से अलग हुए ।
18 अगस्त- चंद्रयान-3 ने पहली बार डी ओर्बिटिंग को पूरा किया।
20 अगस्त- चंद्रयान-3 ने दूसरी और आखिरी बार डी ओर्बिटिंग किया।
23 अगस्त 2023- इसरो लैंडर और रोवर को चांद की सतह पर उतारने की कोशिश करेगा।