भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर पर हमले के बाद यूपी पुलिस एक्शन में आ रही है। बुधवार को हुए हमले के बाद पुलिस ने चार संदिग्ध लोगों को हिरासत में ले लिया है। जिस गाड़ी से हमलावर आए थे उसे भी पुलिस ने बरामद कर लिया है। पुलिस की ओर से फिलहाल इस मामले में कोई बयान सामने नहीं आया है। चंद्रशेखर पर हमला उस समय हुआ जब वह दिल्ली से अपने घर लौट रहे थे।  

चंद्रशेखर पर हमला कब हुआ?

जानकारी के लिए बता दें कि बुधवार को चंद्रशेखर आजाद देवबंद गए थे। उस समय अज्ञात लोगों ने उनके काफिले पर हमला किया था। चंद्रशेखर की कार पर कई राउंड फायरिंग की गई। एक गोली चंद्रशेखर की पीठ को छूकर निकल गई। घायल अवस्था में भीम आर्मी चीफ को देवबंद के ही एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां उनका इलाज जारी है। मीडिया से बात करते हुए चंद्रशेखर ने कहा था कि जिस समय हमला हुआ, गाड़ी में पांच लोग सवार थे। वे दिल्ली से अपने घर जा रहे थे। लेकिन तभी कुछ लोगों ने अचानक से हमला कर दिया।

हमला आजाद पर, सियासत चरम पर

चंद्रशेखर के मुताबिक हमलावरों की गाड़ी सहारनपुर की तरफ मुड़ गई थी और उनके कुछ कार्यकर्ताओं ने आरोपियों की शक्ल देख ली थी। अभी के लिए गाड़ी की पहचान सफेद स्फिट के रूप में हुई है और आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है। पूछताछ कर जानने का प्रयास है कि आखिर क्यों भीम आर्मी चीफ पर यूं हमला किया गया। वैसे इस हमले पर सियासत भी चरम पर पहुंच गई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दो टूक कहा है कि जिस राज्य में जन प्रतिनिधि सुरक्षित नहीं, वहां आम जनता का क्या होगा।

इस हमले पर भीम आर्मी ने भी एक ट्वीट कर राज्य सरकार पर निशाना साधा था। ट्वीट कर लिखा गया कि देवबंद में राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर जानलेवा हमला हुआ है। ये बहुजन मिशन मूवमेंट को रोकने का कायराना कृत्य है। आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी, सख्त कार्रवाई और चंद्रशेखर आजाद की सुरक्षा की मांग करते हैं।

कौन हैं चंद्रशेखर आजाद?

चंद्रशेखर भीम आर्मी के सह-संस्थापक और अध्यक्ष हैं। वह अंबेडकरवादी कार्यकर्ता और वकील हैं। आजाद, सतीश कुमार और विनय रतन सिंह ने 2015 में भीम आर्मी की स्थापना की थी। यह संगठन भारत में शिक्षा के माध्यम से दलित हिंदुओं की मुक्ति के लिए काम करता है। यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दलितों के लिए मुफ्त स्कूल चलाता है। यहीं से चंद्रशेखर आजाद का राजनीतिक करियर शुरू हुआ।