Chandipura Virus News in Hindi: देश में एक नए वायरस ने दस्कत दे दी है, इसका नाम चांदीपुरा वायरस बताया गया है। वैसे तो कई साल पहले भी इसके कुछ मामले सामने आए हैं, लेकिन अब क्योंकि इसी वायरस की वजह से गुजरात में बच्चों की मौत हो गई है, मामला गंभीर बन चुका है। तमाम हेल्थ एंजेसियां अभी से सतर्क हो चुकी हैं, सैंपल को लैब में भेजा जा रहा है और समय से पहले इसे रोकने का प्रयास है।
कहां मिले हैं चांदीपुरा वायरस के मामले?
इस समय गुजरात के साबरकांठा और अरवल्ली जिले में चांदीपुरा वायरस के सबसे ज्यादा केस सामने आए हैं, बड़ी बात यह है कि चार बच्चों की मौत भी हो चुकी है। जिले के हिम्मतनगर के सिविल अस्पताल में भी इसी वायरस से संक्रमित दो बच्चों का इलाज जारी है। ऐसे में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है और इस वायरस के बारे में और ज्यादा डिटेल जुटाने की कोशिश हो रही है।
इस वायरस की पूरी हिस्ट्री
अब समझने वाली बात यह है कि चांदीपुरा वायरस कोई अभी पैदा नहीं हो गया है, बल्कि इसका पहला मामला तो 1966 में सामने आया था। असल में महाराष्ट्र के नागपुर में चांदीपुर नाम से एक जगह है, वही पर सबसे पहले इस वायरस का एक केस मिला था। उसके बाद से ही इस वायरस का नाम चांदीपुरा रख दिया गया। इस वायरस के मामले 2004 से 2006 और फिर 2019 में मिले थे। इस वायरस का एपीसेंटर कुछ ही राज्यों में देखने को मिला है- आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात।
वैज्ञानिकों ने इस वायरस को लेकर क्या कहा?
अब इस चांदीपुरा वायरस को लेकर कहा जाता है कि यह मादा फ्लेबोटोमाइन मक्खी से फैलता है। दूसरे शब्दों में बोलें तो मच्छरों में जो एडीज होते हैं, उससे यह वायरस फैलता है। जानकार चांदीपुरा को एक RNA वायरस के रूप में देखते हैं। इस वायरस का सबसे ज्यादा असर 15 साल से कम उम्र के बच्चों में दिखता है। जो भी मौतें भी हुई हैं, वो इसी एज ग्रुप में देखने को मिली हैं। बड़ी बात यह है कि अभी तक वैज्ञानिक इस चांदीपुरा वायरस के खिलाफ कोई वायरल दवा नहीं बना सके हैं।
कैसे पता चले, चांदीपुरा वायरस से संक्रमित?
अब क्योंकि इस वायरस के बारे में ज्यादा जानकारी सामने नहीं आ सकी है, ऐसे में लक्षणों को लेकर भी उतनी स्पष्टता नहीं है। लेकिन जितने भी मरीज इस वायरस से संक्रमित सामने आए हैं, उनमें फ्लू जैसे ही लक्षण देखने को मिले हैं। इस वायरस से संक्रमित लोगों में एन्सेफलाइटिस भी देखने को मिलता है, दिमाग में सूजन की शिकायत भी रहती है।