चंडीगढ़ पुलिस ने शनिवार को वर्किंग वीजा के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहे दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दविंदर सिंह गिल उर्फ थापा और क्रिकपी खैरा नाम के दो लोगों के खिलाफ लोगों से दूसरे देशों में बसाने के नाम पर 4.33 लाख रुपये एठने का आरोप लगा है। इनपर पुलिस ने धोखाधड़ी में शामिल होने का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने कहा कि यह दोनों कनाडा के लिए वर्किंग वीजा उपलब्ध करने के बहाने लोगों को कथित रूप से ठगने के का काम करते थे।

पहले भी लग चुके हैं आरोप

मामले की जांच के मुताबिक दविंदर सिंह गिल और क्रिकपी खैरा दोनों पर जालसाजी और धोखाधड़ी के पहले भी कई मामले दर्ज हो चुके हैं। ताजा मामला लुधियाना के कुलवीर सिंह की शिकायत पर दर्ज किया गया है।

कुलवीर सिंह ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि आरोपी ने उन्हें क्यूबेक में सीएक्यू प्रोग्राम के तहत 45 दिनों के भीतर 100 फीसदी वीजा गारंटी दी थी।

4 लाख से ज्यादा किया गया था भुगतान

चंडीगढ़ पुलिस के मुताबिक शिकायतकर्ता ने आगे कहा कि उसने सीएक्यू कार्यक्रम के तहत अपनी बहू को क्यूबेक में दाखिला दिलाने का फैसला किया और आरोपी को कुल 4,33,600 रुपये का भुगतान किया। लेकिन उन्हें बाद में अंदाजा हुआ कि यह एक फर्जी खेल है।

पुलिस ने कहा कि कुलवीर ने सेक्टर 43 में अपने कार्यालय में दोनों को राशि का भुगतान किया था। कुलवीर द्वारा दायर शिकायत में कई कर्मचारियों के नाम भी शामिल हैं, जो दविंदर सिंह गिल और क्रिकपी खैरा की ओर से पैसे लेने में शामिल थे।

सेक्टर 36 थाने में मामला दर्ज किया गया है। धोखाधड़ी के कई मामलों के अलावा, दविंदर सिंह गिल और क्रिकपी खैरा दोनों पहले पंजाब कैडर के एक आईपीएस अधिकारी के साथ अपने एक चर्चित मामले को लेकर भी सुर्खियों में रहे हैं।