चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान गड़बड़ी करते हुए कैमरे पर पकड़े गए रिटर्निंग अधिकारी अनिल मसीह ने सुप्रीम कोर्ट में माफी मांग ली है। सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगते हुए अनिल मसीह के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि वह माफी मांगते हैं और मैंने उनसे लंबी बात की है। मुकुल रोहतगी ने कहा कि जल्द ही अनिल मसीह एक एफिडेविट दाखिल करेंगे और उसमें माफीनामा भी होगा। हालांकि अब इस मामले की सुनवाई जुलाई के दूसरे हफ्ते में की जाएगी।

जब चंडीगढ़ के लिए मेयर चुनाव हो रहे थे उस दौरान अनिल मसीह ने बैलट पेपर के साथ छेड़छाड़ की थी। इस दौरान उन्होंने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को हारा हुआ घोषित कर दिया था। बाद में आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट पहुंची और वहां उसने कुलदीप कुमार को नया मेयर घोषित कर दिया था।

इस दौरान एक सीसीटीवी फुटेज वायरल हुआ था, जिसमें अनिल मसीह कैमरे की ओर देख रहे थे और कागजों पर कुछ लिख रहे थे। जबकि उनके पास ऐसा कुछ भी करने का अधिकार नहीं था। इसी फुटेज के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि चुनाव में अनिल मसीह ने गड़बड़ी की है और बीजेपी उम्मीदवार को जिताया है।

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने रिटर्निंग अधिकारी अनिल मसीह को फटकार लगाते हुए कहा था कि ये लोकतंत्र का मजाक है और लोकतंत्र की हत्या हुई है। कोर्ट ने पूछा था कि ये रिटर्निंग ऑफिसर क्या कर रहा है? हम नही चाहते कि देश में लोकतंत्र की हत्या हो और हम ऐसा नहीं होने देंगे। वायरल वीडियो पर CJI चंद्रचूड़ ने पूछा था कि रिटर्निंग ऑफिसर कौन होता है और कैसे नियुक्त होता है? उन्होंने रिटर्निंग ऑफिसर से सवाल पूछा कि आप कैमरे की तरफ क्यों देख रहे थे?

रिटर्निंग अधिकारी अनिल मसीह ने कोर्ट में कहा था कि वहां कैमरे की ओर बहुत शोर था, इसलिए मैं वहां देख रहा था। कोर्ट ने पूछा कि आपने कुछ बैलेट पेपर पर X मार्क लगाया या नहीं? मसीह ने कहा था कि हां, मैंने आठ पेपर पर लगाए थे लेकिन आम आदमी पार्टी के मेयर प्रत्याशी ने आकर बैलेट पेपर झपट लिए और फाड़कर भागे थे।