केंद्र सरकार ने बुधवार को दिल्ली स्थित दिवगंत नेता रामविलास पासवान के नाम अलॉट बंगले को खाली कराने के लिए एक टीम भेजी। बंगला 12 जनपथ मार्ग पर स्थित है और उनके निधन के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) का यह आधिकारिक पता था। पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान यहां बैठक किया करते थे। अधिकारियों ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि पिछले साल बेदखली का आदेश जारी होने के बाद यह कदम उठाया गया।
सूत्रों के अनुसार मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स के अंतर्गत काम करने वाली द डायरेक्टर ऑफ स्टेटस की टीम पिछले दो दिनों में दो बंगले खाली करा चुकी है। इस दौरान भाजपा के लोकसभा सांसद राम शंकर कठेरिया को अलॉट 7 मोती लाल नेहरू और भाजपा मंत्री पीसी सारंगी को अलॉट 10 पंडित पंत मार्ग पर स्थित बंगला खाली कराया गया।
द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार एक अधिकारी ने कहा, ‘बंगला खाली करने के नोटिस के बाद टीम भेजना एक नियमित प्रक्रिया है। चिराग पासवान पहले से ही उन्हें आवंटित एक एमपी फ्लैट में रह रहे हैं और 12 जनपथ को पिछले साल खाली किया जाना था। यह पहले ही आवंटित किया जा चुका है। तीन दिनों में यह तीसरी बेदखली है, बंगलों के रहने वाले एमपी फ्लैट में चले जाएंगे।”
बंगला चिराग के दिवंगत पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को आवंटित किया गया था और पिछले साल अगस्त में इसे केंद्रीय रेल और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव को आवंटित किया गया था, जो ओडिशा से भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं। अगस्त 2021 में, केंद्र ने लोकसभा सांसद चिराग पासवान और 12 जनपथ बंगले के अन्य रहने वालों को आवास खाली करने के लिए एक नोटिस जारी किया था।
यह बंगला लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) का आधिकारिक पता था, जो वहां नियमित रूप से अपनी संगठनात्मक बैठकें और अन्य संबंधित कार्यक्रम आयोजित कर रही थी। रामविलास पासवान अक्टूबर 2020 में अपने निधन तक करीब तीन दशक तक बंगले में रहे। एक अधिकारी ने कहा कि बंगला केंद्रीय मंत्रियों के लिए रखा गया है और सरकारी आवास में रहने वालों को इसे खाली करने के लिए कहा गया है।