मेडिकल कोर्सेज में दाखिले के लिए प्रस्तावित सिंगल एंट्रेंस टेस्ट नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (NEET) के दायरे से राज्य सरकारों द्वारा संचालित कॉलेजों को बाहर करने के लिए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को ऑर्डिनेंस (विधेयक लाने) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस इग्जेक्यूटिव ऑर्डर को लाने का मकसद सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ‘आंशिक’ तौर पर पलटना है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि NEET सभी सरकारी कॉलेजों, डीम्ड यूनिवर्सिटीज और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों पर लागू होगा।
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बता दें कि नीट के तहत अगले चरण का एग्जाम 24 जुलाई को होना है। एक मई को हुए पहले चरण के एग्जाम में करीब साढ़े 6 लाख स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। एक बार ऑर्डिनेंस जारी होने के बाद, राज्य सरकार बोर्ड के स्टूडेंट्स को 24 जुलाई को होने वाली नीट की परीक्षा में हिस्सा नहीं लेना होगा। हालांकि, सरकारी सूत्रों ने यह साफ किया कि वे अगले शैक्षिक सत्र से सिंगल एंट्रेंस एग्जाम के हिस्सा होंगे।
बता दें कि हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री की बैठक में राज्य सरकारों ने नीट के एग्जाम को लेकर कई तरह की समस्याएं सामने रखीं। इनमें परीक्षा की भाषा से लेकर सिलेबस से जुड़ी समस्याएं शामिल थीं। राज्यों की दलील थी कि राज्य बोर्ड के स्टूडेंट्स के लिए इतनी जल्दी जुलाई में सिंगल एंट्रेंस टेस्ट में बैठना आसान नहीं होगा। माना जा रहा है कि स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा इस विषय में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करके उन्होंने इस विधेयक को लाए जाने की जरूरत के बारे में समझाने की कोशिश करेंगे।
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