वरिष्ठ पत्रकार एमजे अकबर के द्वारा केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री ने उनका समर्थन किया है। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बुधवार (17 अक्टूबर) को अकबर के इस्तीफा देने के फैसले को सही कदम बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि अकबर के इस्तीफे के लिए विपक्ष दबाव बना रहा था। लेकिन अकबर ने इस्तीफा देकर सही काम किया है। अठावले ने इन आरोपों की निष्पक्ष जांच की मांग भी की है।

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा, ” विपक्ष उनसे नैतिक आधार पर इस्तीफे की मांग कर रहा था। ये उनके द्वारा उठाया हुआ सही फैसला है। उन पर लगाए गए सभी आरोपों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।” अठावले ने यह भी कहा कि मामला कोर्ट में है और उन्हें देश के कानून और संविधान पर पूरा भरोसा है।

बता दें कि यौन शोषण के आरोपों में फंसे एम.जे.अकबर ने बुधवार (17 अक्टूबर) को विदेश राज्य मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन पर 20 महिला पत्रकारों ने छेड़खानी करने का आरोप लगाया है। सूत्रों के हवाले से टेलीविजन रिपोर्ट्स में बताया गया कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के हस्तक्षेप के बाद अकबर ने अपना पद छोड़ा है। अकबर के इस्तीफा देने के कुछ देर बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस पर मंजूरी दे दी, जिसके बाद वह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजा गया।

अकबर ने जारी किए त्यागपत्र में कहा, “मैंने यौन शोषण के मामले में कानूनी मदद लेने का फैसला लिया है, इसलिए मैं मानता हूं कि मुझे अपने पद को छोड़कर इन झूठे आरोपों को चुनौती देनी चाहिए। ऐसे में मैंने विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है।” अकबर के बयान में आगे कहा गया, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को दिल से शुक्रिया अदा करना चाहूंगा, जो उन्होंने मुझे देश की सेवा करने का यह मौका दिया।”

अकबर पर ये आरोप उनकी पूर्व सहकर्मियों ने लगाए हैं। आरोपों के अनुसार, उनके द्वारा छेड़खानी की ज्यादातर घटनाएं तब की हैं, जब वह एशियन एज अखबार में संपादक हुआ करते थे। हालांकि, विदेश दौरे से लौटने पर उन्होंने खुद पर लगे संगीन आरोपों पर सफाई दी थी। कहा था, “ये सभी आरोप बेबुनियाद और मनगढ़ंत हैं। मैं आरोप लगाने वाली महिलाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा।”

पत्रकार प्रिया रमानी ने सबसे पहले उनके खिलाफ आवाज उठाई थी और उन पर यौन शोषण करने का आरोप लगाया था। अकबर ने इस बारे में प्रिया के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। आठ अक्टूबर को रमणी ने ट्वीट कर अकबर पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद 10 अन्य महिलाओं ने भी अकबर के खिलाफ यौन शोषण करने को लेकर मोर्चा खोल दिया था।