जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने छोटे और वामदलों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रायोजित विरोध करवा कर मोदी सरकार को गिराने की कोशिश सफल नहीं होगी।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जो लोग लोकसभा में एक सीट हैं और तीन-चार सीट हैं , वो लोग समझते हैं कि कभी जाधवपुर हो या कभी जेएनयू हो यहां से प्रायोजित विरोध करवा के मोदी सरकार को गिराने की कोशिश करेंगे, तो सफल नहीं होंगे।
उन्होंने कहा कि जो लोग जेएनयू के प्रदर्शन में शामिल होने गए, अब वो लोग सोच लें जो लोग धरने में शामिल हुए वो लोग बताएं कि वो लोग किसकी तरफ हैं। सबकुछ पुलिस जांच में सामने आ चुका है। जो लोग भी दोषी हैं पुलिस अपने हिसाब से फैसला लेगी।

रविशंकर प्रसाद ने छात्रों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की मांग को लेकर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वो लोग दूसरों को अपने मन की बात कहने से रोकते हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मैं इन लोगों से पूछना चाहता हूं, क्या वे दूसरों को बोलने देते हैं? स्वपन दास गुप्ता को SFI द्वारा 7 घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया था, केरल के राज्यपाल को भी रोक दिया गया था। उन्होंने लोगों को चुप कराते हैं और खुद अभिव्यक्ति की आजादी की मांग करते हैं। और अगर उन्हें अनुमति नहीं है, तो वे हिंसा का सहारा लेते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने मशहूर हस्तियों पर भी निशाना साधा जो विरोध प्रदर्शनों के समर्थन में “ट्वीट” कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जो कोई भी ट्वीट कर रहा है उसे पूरा अधिकार है। लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वे उन छात्रों पर ट्वीट क्यों नहीं कर रहे हैं, जो पढ़ना चाहते हैं और उन्हें पंजीकरण की अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि मैं अपील करना चाहता हूं कि जो लोग पढ़ना चाहते हैं उन्हें पढ़ने दें। उन्होंने कहा कि बाकी छात्र जबतक शांति से प्रदर्शन करना चाहते हैं करें।