केंद्र सरकार राशन कार्ड धारकों की सुविधा के लिए ‘एक राष्ट्र, एक कार्ड’ शुरू करने पर विचार कर रही है। इस योजना के लागू होने के बाद राशन कार्डधारक देश के किसी भी हिस्से से अपने कार्ड के जरिये राशन उठा सकेगा। इससे सबसे अधिक फायदा नौकरी की तलाश में एक राज्य से दूसरे राज्यों में पलायन करने वालों को मिलेगा।
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकारों के खाद्य सचिवों व अन्य अधिकारियों, भारतीय खाद्य निगम, केंद्रीय वेयरहाउस कॉर्पोरेशन, राज्य वेयरहाउस कॉर्पोरेशन के अधिकारियों के साथ बैठक की। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में पासवान ने कहा, ‘इस योजना से जुड़ी औपचारिकताओं को एक साल में पूरा करने का लक्ष्य है। इस योजना को लागू करने के लिए सभी जन वितरण योजना वाली दुकानों (पीडीएस) पर पीओएस मशीनों की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।
आंध्र प्रदेश, हरियाणा और कुछ अन्य देशों में सभी पीडीएस दुकानों पर पीओएस मौजूद है लेकिन देशभर में इस योजना का लाभ के लिए 100 प्रतिशत उपलब्धता जरूरी है।’ पासवान ने कहा कि इस योजना का लक्ष्य उपभोक्ताओं को आजादी देना है जिससे वे किसी भी एक दुकान से बंधे ना रहें, दुकान मालिक पर उनकी निर्भरता ना हो और भ्रष्टाचार पर लगाम लगे। उन्होंने कहा कि इसका सबसे अधिक फायदा नौकरी की तलाश में एक राज्य से दूसरे राज्यों में पलायन करने वाले कामगारों को होगा।
उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं जन वितरण मंत्रालय के बयान के अनुसार इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट ऑफ पीडीएस (आईएसपीडीएस) के तहत उपभोक्ता किसी भी राज्य से अपना राशन ले सकेंगे। इस योजना को लागू करने का जिम्मा इसी मंत्रालय के पास है। आईएमपीडीएस योजना आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा में लागू है।
बृहस्पतिवार को हुई बैठक में अन्य राज्यों ने इस बात का आश्वासन दिया कि वे जल्द से जल्द आईएमपीडीएस को लागू करेंगे। बैठक को संबोधित करते हुए पासवान ने कहा कि खाद्य एवं जन वितरण विभाग ने जो काम किया है वे 81 करोड़ उपभोक्ताओं की जीवन रेखा है। 612 लाख टन अनाज एफसीआई, सीडब्ल्यूसी और एसडब्ल्यूसीज और प्राइवेट गोदामों में हर साल वितरित होता है। उन्होंने कहा कि करीब 78 फीसदी उचित दर दुकान इलेक्ट्रोनिक पीओएस डिवाइस से लैस हो चुके हैं।