केंद्र सरकार ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस उदय उमेश ललित से उनके उत्तराधिकारी के नाम का सुझाव मांगा है। केंद्रीय विधि और न्याय मंत्रालय ने इस संबंध में सीजेआई को पत्र भेजकर अगले मुख्य न्यायाधीश के नाम की सिफारिश करने का प्रस्ताव दिया है। चीफ जस्टिस यूयू ललित का सीजेआई के तौर पर कार्यकाल अगले महीने की 8 तारीख को पूरा होने वाला है।
देश के अगले चीफ जस्टिस के लिए नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसी क्रम में मौजूदा सीजेआई को पत्र भेजकर उनके उत्तराधिकारी का नाम भेजने को कहा गया है। आमतौर पर सीजेआई अपने बाद सबसे सीनियर जज का नाम अगले चीफ जस्टिस के तौर पर भेजते हैं। ऐसे में उम्मीद है कि देश के नए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ होंगे। डीवाई चंद्रचूड़ देश के 50वें सीजीआई होंगे, जो 2 साल के लिए इस पद पर रहेंगे।
अगर जस्टिस चंद्रचूड़ सीजेआई बनते हैं तो 9 नवंबर को वह पद की शपथ लेंगे और 10 नवंबर, 2024 को वह रिटायर हो जाएंगे। 11 नवंबर, 2024 को वह 65 साल के हो जाएंगे। वहीं, सीजेआई यूयू ललित 26 अगस्त, 2022 को देश के मुख्य न्यायाधीश बने थे। उनका कार्यकाल काफी छोटा रहा। उनका कार्यकाल सिर्फ 74 दिनों का है।
बता दें कि यह एक तरह की परंपरा है कि केंद्र की तरफ से औपचारिक आग्रह मिलने पर चीफ जस्टिस अपने रिटायरमेंट से एक महीना पहले अपने उत्ताराधिकारी के नाम की सिफारिश करते हैं। उत्तराधिकारी का नाम बंद लिफाफ में भेजा जाता है।
वहीं, 29 सितंबर को कॉलेजियम की बैठक रद्द होने के बाद चीफ जस्टिस ने 30 सितंबर को कॉलेजियम के सदस्यों को एक लिखित प्रस्ताव भेजा, जिसमें चारों रिक्त पदों को भरने की मंजूरी मांगी गई थी। नियम के मुताबिक, सीजेआई यूयू ललिता 8 अक्टूबर के बाद कॉलेजियम की बैठक आयोजित नहीं कर सकेंगे।
कॉलेजियम को 30 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में खाली पदों को भरने के लिए चार उम्मीदवारों- तीन उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों और एक वरिष्ठ सुप्रीम कोर्ट के वकील के नाम पर विचार करना था। हालांकि, समूह बैठक नहीं कर सका क्योंकि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ देर शाम तक अदालत में थे। अगले दिन 1 अक्टूबर को दशहरे को लेकर अदालत में छुट्टियां शुरू हो गईं। 10 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट खुलने के बाद कॉलेजियम मिल सकता है, लेकिन तब एक महीने से कम का नियम लागू हो जाएगा।