केंद्र ने दिल्ली भाजपा की कमान सीधे अपने हाथों में ली है। इस बार की टीम के लिए बुलाई गई एक बैठक के बाद ये ताजा समीकरण सामने आए। इस बैठक की अगुआई भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह, राष्ट्रीय महिला मोर्चा अध्यक्ष विजय रहाटकर, प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता व संगठन मंत्री सिद्धार्थन भी शामिल हुए। इसके अतिरिक्त केवल जिला के पदाधिकारी ही इस बैठक में शामिल हुए। जबकि पार्टी के प्रभारी व सह प्रभारी या सांसद या कोई विधायक इस बैठक में शामिल नहीं थे।
बैठक के बाद करीब पांच घंटे तक विजया राहटकर प्रदेश कार्यालय में रहीं। यह दिल्ली की टीम गठन के लिए पहली बैठक थी। पार्टी सूत्रों ने बताया कि दिल्ली के जिलों से टीम गठन की शुरूआत होगी। इसके लिए पार्टी ने पर्यवेक्षक लगा दिए हैं। जो जिलों में जाकर पार्टी के कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे और इसकी रिपोर्ट 19 जुलाई तक पार्टी को देंगे।
यह प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो जाएगी। हर जिले में इस कार्य के लिए तीन लोगों की टीम को लगाया गया है। इस टीम की रिपोर्ट के आधार पर जिलों के नाम तय होंगे। इसके बाद पार्टी की प्रक्रिया के मुताबिक दिल्ली की टीम के लिए काम किया जाएगा।
पार्टी के नेता बोले, सीधी कमान का मिलेगा लाभ
केंद्र द्वारा दिल्ली की कमान अपने हाथों में लेने की सबसे बड़ी वजह लंबे समय से भाजपा का सत्ता से दूर रहना है। इसके लिए पार्टी अब तक कमजोर संगठन को ही इसके लिए दोषी मान रही थी। इसलिए संभावना जताई जा रही है कि केंद्रीय नेतृत्व की सीधी कमान होने से लंबे समय से सक्रिय कई नामों की छुट्टी हो सकती है और पार्टी में नए व युवा चेहरों को तव्वजों दी जा सकती है।
पहले ही बैठक में 42 लोगों की कोर बैठक थी जिसे विस्तार से प्रक्रिया को समझाया गया है। इनमें 6 महिलाएं थीं, जिनमें शिखा राय, विशाखा सैनाली, कमलजीत सहरावत, मोनिका पंत, रेखा गुप्ता आदि शामिल थीं।