केंद्र सरकार के 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने के फैसले की सराहना करते हुए कई केंद्रीय मंत्रियों ने इसे भ्रष्टाचार और काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक की संज्ञा दी है। वीरेंद्र सहवाग ने एक के बाद एक इस बारे में कई ट्वीट किए। उन्होंने लिखा कि जब अमेरिका में वोट गिने जा रहे होंगे भारत में नोट गिने जा रहे होंगे। इसके अतिरिक्त पाकिस्तान मूल के लेखक तारिक फतह ने पीएम के इस फैसले की तारीफ की। सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने ट्वीट किया, ‘‘भ्रष्टाचार और कालेधन पर श्री नरेंद्र मोदी जी की सर्जिकल स्ट्राइक। भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत की लड़ाई में साथ दें।’’

उनके मंत्रालय के राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भी प्रधानमंत्री के फैसले की सराहना की। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह आम आदमी के लिए वास्तविक आजादी है। संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने ट्वीट किया, ‘‘भ्रष्टाचार, कालेधन और आतंकवाद से लड़ने के लिए ऐतिहासिक कदम।’’
इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पर तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ट्वीट को रीट्वीट कर दिया जिसमें ममता ने केंद्र के फैसले को कठोर कहा था।

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बड़े कदम उठाना जरूरी था।उधर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस कदम को राष्ट्र की प्रगति में मील का पत्थर बताते हुए साहसिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि काले धन के खिलाफ इस लड़ाई में भारत की जनता सच्चे सैनिकों की तरह सहभागी होगी। हालांकि केरल की माकपा नीत एलडीएफ सरकार ने सरकार के आकस्मिक ऐलान की आलोचना करते हुए कहा कि इस कदम से देश से काला धन खत्म नहीं होगा। केरल के वित्त मंत्री टी एम थोमस इसाक ने कहा कि 1000 और 500 के नोटों को बंद करना काले धन की समस्या का निवारण नहीं है। पूरा काला धन इस रूप में नहीं होता। बहुत सारा धन विदेशों में जमा है और हवाले के रास्ते से आता है।

 

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