तालिबान पर अब तक भारत सरकार ने भले ही अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है लेकिन तीनों सेनाओं के प्रमुख सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने इस बारे में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में जो कुछ हुआ उसकी उम्मीद पहले से थी। उन्होंने कहा- तालिबानी आतंक से निपटने और घुसपैठ रोकने के लिए भारत की सेना तैयार है।
उन्होंने कहा, ‘हमें लग रहा था कि अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा हो सकता है। इसे देखते हुए हम पहले से ही तैयारी कर रहे थे। यह वही तालिबान है जो 20 साल पहले था। जो कुछ पहले हुआ था, वह फिर से हो सकता है।’
बता दें कि सीडिएस का यह बयान तब आया है जब देश में घुसपैठ बढ़ने की भी आशंका है। इससे पहले जनरल रावत जब उत्तराखंड के दौरे पर थे तब भी उन्होंने कहा था कि वह बदलते माहौल को देखते हुए तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा बीते दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा था कि वैश्विक परिदृश्य में कई नई चुनौतियां पैदा हो रही हैं और उनसे निपटने के लिए पूरी रणनीति तैयार हो रही है।
अब केवल ई वीजा पर ही आ सकेंगे अफगान नागरिक
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि अफगानिस्तान में मौजूदा हालात के मद्देनजर सभी अफगान नागरिकों को अब सिर्फ ई-वीजा पर भारत का दौरा करना होगा। मंत्रालय की ओर से यह फैसला उस वक्त किया गया है जब कुछ दिनों पहले ही सरकार ने अफगान नागरिकों के लिए ‘आपातकालीन व अन्य वीजा’ की शुरुआत की।
गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘अफगानिस्तान में मौजूदा हालात को देखते हुए और ‘आपातकालीन व अन्य वीजा’ की शुरुआत के माध्यम से वीजा प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के मद्देनजर यह फैसला किया गया है कि सभी अफगान नागरिक अब सिर्फ ई-वीजा पर ही भारत की यात्रा कर सकेंगे।’’
गृह मंत्रालय ने यह घोषणा भी की है कि कुछ अफगान नागरिकों के पासपोर्ट खो जाने संबंधी खबरों के मद्देनजर उन सभी अफगान नागरिकों को पहले जारी वीजा तत्काल प्रभाव रद्द किये जाते हैं जो फिलहाल भारत में नहीं हैं।’’ मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत का दौरा करने के इच्छुक अफगान नागरिक ई-वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं।’’ अधिकारियों ने कहा कि अफगानिस्तान में भारत के सभी राजनयिक प्रतिष्ठान बंद हैं, इसलिए आवदेनों की छानबीन और इस पर प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का काम नयी दिल्ली में होगा।